मंडी: सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि इन जिलों का देश के अन्य भागों से वर्ष में लगभग 6 से 8 महीने तक भारी बर्फबारी के बाद कोई संपर्क नहीं रहता. सर्दियों में अत्यधिक बर्फ पड़ने के कारण तापमान -40 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच जाता है. इन जिलों में संचार सेवाएं भी अपर्याप्त हैं. चीन की सीमा के करीब होने के कारण यहां संचार सेवाओं को विकसित करने की अत्यंत जरूरत है, जबकि चीन का मोबाइल नेटवर्क हमारी सीमा में 10 से 15 किलोमीटर के अंदर तक पाया जाता है.
ट्राइबल क्षेत्रों में बेहतर संचार सेवाओं की मांग, MP ने लोकसभा में उठाया कबायली क्षेत्रों का मुद्दा - kinnaur
संसदीय क्षेत्र मंडी से दूसरी बार सांसद बने रामस्वरूप शर्मा ने बुधवार को लोकसभा में कबायली जिला लाहौल-स्पीति और दुर्गम क्षेत्रों में संचार सेवाओं को सुदृढ़ करने का मामला उठाया. रामस्वरूप ने ये मामला शून्यकाल में उठाया और भारत सरकार का ध्यान निर्वाचन क्षेत्र मंडी के अति महत्वपूर्ण सीमांत जिला लाहौल-स्पीति, किन्नौर व पांगी किलाड़ के विकास की ओर लाने की बात रखी.
सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच वर्षों में जनजातीय क्षेत्रों के लिए अनेक सराहनीय विकासत्मक योजनाएं शुरू की है. इसी के चलते जनजात्तीय क्षेत्र की जनता ने एक बार फिर पीएम मोदी को प्रचंड बहुमत दिया है. उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान सरकार उतरी-पूर्वी सीमांत राज्यों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देगी, तो हिमाचल के इन जिलों के लिए भी केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत विशेष धन आवंटित कर इस क्षेत्र के समग्र विकास में अपना योगदान दे सकती है. इसमें विशेषकर दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल के अतिरिक्त निजी कंपनियों का भी सहयोग लिया जा सकता है.
जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी की वजह से दूरसंचार की सही सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल देते हुए सांसद ने कहा कि इन क्षेत्रों में दूरसंचार ही एकमात्र सहारा होता है, जिसकी वजह से लोग अपने सगे-संबंधियों से बातचीत कर सकते हैं. इसलिए जहां-जहां आवश्यक हो वहां बीएसएनएल व जियो के नेटवर्क से जनजातीय क्षेत्र के लोगों को जल्द जोड़ने की व्यवस्था करवाई जाए.