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कोविड का कहर: हिमाचल में 13 दिन में छह सौ से अधिक मौतें, 2118 पहुंचा मौत का आंकड़ा

गुरूवार को भी हिमाचल में शाम सात बजे तक कोरोना संक्रमण से 63 लोगों की मौत हो गई. इसी तरह 12 मई को 66, 11 मई को 64 लोगों ने कोरोना से जान गवां दी. इस तरह लगातार तीन दिन से मौत का आंकड़ा 60 से ऊपर जा रहा है. वहीं, 9 व 10 मई को दो दिन में 108 लोगों की मौत हुई. महज सत्तर लाख की आबादी वाले छोटे पहाड़ी राज्य के लिए ये आंकड़ा भयावह है.

six hundred deaths due to corona
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Published : May 13, 2021, 8:53 PM IST

शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने हिमाचल में कहर ढाया है. मई महीने के 13 दिन में ही छह सौ से अधिक लोग कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवा चुके हैं. आलम ये है कि विगत कुछ दिन से हर रोज मौत का आंकड़ा 60 से ऊपर जा रहा है.

गुरूवार को भी हिमाचल में शाम सात बजे तक कोरोना संक्रमण से 63 लोगों की जान चली गई. इसी तरह 12 मई को 66, 11 मई को 64 लोगों ने कोरोना से जान गवां दी. इस तरह लगातार तीन दिन से मौत का आंकड़ा 60 से ऊपर जा रहा है. वहीं, 9 व 10 मई को दो दिन में 108 लोगों की मौत हुई. महज सत्तर लाख की आबादी वाले छोटे पहाड़ी राज्य के लिए ये आंकड़ा भयावह है.

अप्रैल महीने में 37 लोगों की हुई थी मौत

अप्रैल महीने के अंतिम दिन हिमाचल प्रदेश में 37 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी. तब 30 अप्रैल को प्रदेश में मौतों का आंकड़ा 1484 था. पहली मई को हिमाचल प्रदेश में 28 लोगों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई. इस तरह मौतों की संख्या 1512 हो गई और अब 13 मई को ये संख्या बढक़र 2118 हो गई है. यानी पहली मई से 13 मई तक ये आंकड़ा 606 हो गया. ऐसे में औसतन 46 से अधिक लोग रोजाना काल के ग्रास बन रहे हैं.

अधिकांश मरीजों में पाया गया कोविड निमोनिया

इस दुखद परिस्थितियों में ये बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि प्रदेश में लगातार बढ़ती मौतों का कारण क्या है. यदि गुरूवार की ही बात की जाए तो जिन 63 लोगों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश को कोविड निमोनिया पाया गया. एआरडीएस यानी सांस लेने में तकलीफ होने के बाद भी मौत का शिकार होने वालों की संख्या काफी है. कांगड़ा में एक ही दिन में कम से कम 11 लोगों की मौत कोविड से जुड़े निमोनिया के कारण हुई है.

कांगड़ा में 581 लोगों की मौत

अब ऐसी स्थिति को थामना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हिमाचल में कांगड़ा जिला आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा है. यहां कोरोना से अब तक 581 लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं. शिमला में 433 लोगों की मौत हुई. इस बड़ी संख्या का कारण ये है कि शिमला में प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल है और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से संक्रमित लोग रेफर होकर आते हैं. यदि उक्त दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मौत होती है तो वो संबंधित जिले में ही काउंट की जाती है. यही कारण है कि यहां मृतकों की संख्या का आंकड़ा अधिक है.

1.08 लाख से अधिक मरीज हुए स्वस्थ

कांगड़ा जिला में कोरोना की टेस्टिंग भी सबसे अधिक हुई है. कांगड़ा में 19165 लोग कोरोना को हरा भी चुके हैं. जिला में अब तक सबसे अधिक 32006 कन्फर्म केस आए हैं. हिमाचल के लिहाज से देखा जाए तो अब तक डेढ़ लाख से अधिक पॉजिटिव केस आए हैं. उनमें से 1.08 लाख से अधिक स्वस्थ भी हुए हैं. इस समय एक्टिव केस का आंकड़ा 40 हजार 08 है.

जांच में लोग करवा रहे देरी: सैजल

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रदेश सरकार पूरी सजगता से लड़ रही है. दूसरी लहर में संक्रमण अधिक तेजी से फैला है. ये सही है कि मई महीने में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा बढ़ा है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करें तो लक्षण मिलने के बाद जो लोग देरी से आए और जिन्हें डायबिटिज व दिल के रोगों की शिकायत के साथ हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी, उनकी मौत का आंकड़ा अधिक है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 7 मई से कोरोना कर्फ्यू लगाया है. सरकार प्रयासरत है कि मौत के आंकड़ों को थामा जाए. इसके लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर्स के साथ लगातार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं कि संक्रमण का शिकार होने वालों की जान बचाई जा सके.

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