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50 फीसदी क्षमता से ज्यादा यात्री बसों में कर रहे सफर, कोरोना प्रोटोकॉल का जमकर हो रहा उल्लंघन - बसों में 50 फीसदी से अधिक सवारियां

हिमाचल प्रदेश में 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ बसों के संचालन को अनुमति दी गई है. ईटीवी भारत की टीम जब ग्राउंड जीरो पर स्थिति का जायजा लेने पहुंची तो पाया कि शिमला में इन नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है. सुबह और शाम के समय यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है. ऐसे में रूटों पर बसों की संख्या कम होने पर बस के अंदर भीड़ देखने को मिलती है.

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Published : Jun 17, 2021, 7:26 PM IST

शिमलाःहिमाचल प्रदेश में 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ बसों के संचालन को अनुमति दी गई है, लेकिन राजधानी शिमला में इन नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है. शिमला में 50 फीसदी यात्री क्षमता तो दूर बल्कि यात्री बस में खड़े होकर सफर कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने बस संचालन को अनुमति 50 फीसदी क्षमता के साथ दी है. मसलन यदि बस की क्षमता 30 यात्रियों की है, तो केवल 15 यात्री बस में सफर कर सकते हैं.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत की टीम

ईटीवी भारत की टीम जब ग्राउंड जीरो पर स्थिति का जायजा लेने पहुंची तो पाया कि शिमला में इन नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है. सुबह और शाम के समय यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है. ऐसे में रूटों पर बसों की संख्या कम होने पर बस के अंदर भीड़ देखने को मिलती है.

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यात्री ज्यादा, हम असहाय: बस ड्राइवर

ईटीवी भारत ने जब बस में ज्यादा भीड़ को लेकर सवाल पूछा तो निजी बस चालक ने तो उत्तर देना भी सही नहीं समझा, लेकिन हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के चालक ने कहा कि यात्रियों की संख्या ज्यादा है. उनका काम यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाना है. ऐसे में वे भीड़ को लेकर कुछ नहीं कर सकते. सरकार ने नियम तो बना दिया, लेकिन लोगों को सुविधा नहीं दी.

नियम का पालन न कर पाना मजबूरी

बस में नियमों का पालन न करने पर यात्रियों ने कहा कि बस की संख्या कम है. सभी लोग घर जाना चाहते हैं. जब बसों की संख्या कम है, तो यात्री मजबूरन नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि सुबह और शाम के समय बस रूट की संख्या बढ़ाई जाए ताकि नियमों का पालन हो सके.

कोरोना का खतरा अभी टला नहीं

भले ही कोरोना ससंक्रमण के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही हो, लेकिन कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. ऐसे में लापरवाही महंगी पड़ सकती है. लोग सही तरह से मास्क तो पहन रहे हैं, लेकिन भीड़ होने पर स्वभाविक रूप से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हैं.

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