शिमला: कहा जाता है कि जोरदार बरसात केवल पहाड़ ही सहन करते हैं, मैदानों में तो बाढ़ आ जाती है. लेकिन समय के साथ बरसात का मौसम (Monsoon in Himachal) पहाड़ और मैदान दोनों में भारी तबाही मचा रहा है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में 20 दिन के अंतराल में भारी बारिश और भूस्खलन (Landslide in Himachal) आदि के कारण 91 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें दस लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है. प्रदेश भर में विभिन्न हादसों में 121 लोग घायल भी हुए हैं. मंडी जिला में सबसे अधिक 29 लोग घायल हुए हैं. इसी तरह शिमला में 26 व सोलन जिला में 16 लोग दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं. भारी बारिश के कारण पशुधन को भी गंवाना पड़ा है. प्रदेश भर में 72 पशुओं की मौत हुई (Monsoon deaths in Himachal) है.
इस दौरान प्रदेश भर में सरकारी व निजी संपत्ति को 368 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो (Property loss in Himachal due to Rainfall) चुका है. सबसे अधिक तबाही लोक निर्माण विभाग को झेलनी पड़ी है. इस विभाग को 20 दिन में 244 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. सड़को व पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसी तरह जलशक्ति विभाग को अब तक 114 करोड़ 93 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है. बाकी कृषि व बागवानी को हुए नुकसान की रिपोर्ट फील्ड से मंगवाई गई है.
हिमाचल में हर साल बारिश (Rainfall in Himachal) के दौरान भारी तबाही होती है. सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति विभाग को होता है. सड़कें अवरुद्ध होने के साथ ही पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. बारिश के कारण सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं. कुल्लू में बस हादसे में 13 लोगों की मौत हुई थी. ये हादसा भी भारी बारिश से खराब हुई सड़क के कारण पेश आया था. फिलहाल, राज्य सरकार के राजस्व विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 29 जून से 18 जुलाई तक प्रदेश में विभिन्न हादसों में 91 लोगों की मौत हो चुकी है. पीड़ा की बात है कि इस दौरान प्रदेश भर में सांप के काटने की वजह से भी 10 लोगों की मौत हुई है.