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हिमाचल में करोड़ों का काउ सेस, लेकिन सड़कों पर बेसहारा पशु, 1 साल में गौ सदनों को मिला 12.56 करोड़

हिमाचल में 36 हजार आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं. अहम बात यह है कि करोड़ों का काउ सेस जुटाने के बाद यह स्थिती है. वहीं, एक साल में 222 गौ सदनों को 2.56 करोड़ की राशि जारी की गई है. (More than 18 lakh animals in Himachal )

More than 18 lakh animals in Himachal
More than 18 lakh animals in Himachal

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Published : Feb 28, 2023, 12:58 PM IST

Updated : Feb 28, 2023, 1:11 PM IST

शिमला:हिमाचल में करोड़ों का काउ सेस जुटाने के बाद भी बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं. सरकार शराब की बोतलों पर सेस लगा रही है, जोंकि पहले 1.5 रुपए प्रति बोतल था, मौजूदा वित्त वर्ष में 2.50 रुपए के हिसाब से वसूला जा रहा है. हर साल करोड़ों रुपए सेस शराब से एकत्र हो रहा है. बीते एक साल में ही करीब 12.05 करोड़ का सेस शराब से जुटाया गया है. बावजूद इसके बेसहारा पशुओं की तादाद बढ़ती जा रही है. लोग पशुओं को लगातार छोड़ रहे हैं और इन पशुओं के लिए मौजूदा समय में बनाए गए गौ सदन भी कम पड़ने लगे हैं.

हिमाचल में करीब 36 हजार बेसहारा पशु:भारत सरकार की 2109 में करवाई गई 20 वीं पशुगणना के अनुसार हिमाचल में करीब 36,311 बेसहारा पशु थे. इन बेसहारा पशुओं के लिए गौ सदन की व्यवस्था हिमाचल में की जा रही है. सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा गौ सदनों की स्थापना की जा रही है. मौजूदा समय में ही हिमाचल में 222 गौ सदन हैं. गौसदनों में करीब 20050 पशु हैं ,जिनमें से 18500 पशु को सरकारी मदद दी जा रही है ,क्योंकि 30 से अधिक पशुओं वाले गौ सदनों के लिए ही सरकारी सहायता का प्रावधान है. इन पशुओं के लिए गौ सदनों को 700 रुपए प्रति माह प्रति की राशि पालन पोषन के लिए दी जा रही है.

तीन सालों में 26.49 करोड़ की राशि की हुई जारी:हिमाचल में साल 2020 से लेकर जनवरी 2023 तक 26,00,49,284 (छबीस करोड़ उनचास हजार दो सौ चौरासी रुपए) की राशि बेसाहरा पशुओं के लिए जारी की गई. इस साल देखें तो करीब 12,56, 37400 करोड़ रुपए की राशि गौ सेवा आयोग की ओर से गौ सदनों के लिए जारी की गई है. साल 2021-22 में 9,19,92064 करोड़ ,जबकि 2020-21 में 4,18,19820 रुपए की राशि गौ सदनों को जारी की गई.

हिमाचल के हर शहर में इस तरह घूमते रहते आवारा पशु

बीते 3 सालों में जिलावार जारी का विवरण इस तरह से है-
जिला वितरित राशि
शिमला 1,95,46600
बिलासपुर 1,81,93000
सिरमौर 1,83,93464
किन्नौर 1,61320
कांगड़ा 3,20,35400
हमीरपुर 2,63,47200
कुल्लू 79,11000
ऊना 4,04,94100
मंडी 2,06,00500
सोलन 7,28,78400
चंबा 28,88300
कुल 26,00,49,284 रुपए

हिमाचल में बेसहारा पशुओं के लिए चलाए जा रहे 222 गौ सदन:हिमाचल में बेसहारा पशुओं के लिए के लिए 222 गौ सदन चलाए जा रहे हैं, जिनमें से 13 बड़े गौ सदन ( गौ अभ्यारण्य हैं बाकी 209 गौ सदन हैं. हिमाचल गौ सेवा आयोग की ओर से गौ सदनों के निर्माण, विस्तार करने के साथ ही इनमें रहने वालों पशुओं के लिए सहायता दाी जा रही है.

हिमाचल में संचालित किए जा रहे हैं 10 गौ अभ्यारण्य:सिरमौर जिले में कोटला बडोग, सोलन जिले में हांडा कुंडी, ऊना में थाना खास, हमीरपुर में खैरी, कांगड़ा जिले में लुथान, खज्जियां, कंगैहन, बाईं अटारियां, शिमला जिले में सुन्नी, मंडी में लौंगनी, हमीरपुर में गसौता गौसदन सरकारी हैं. इनके अलावा कांगड़ा जिले में खाब्बल और कुंडन गौ अभ्यारण्य भी तैयार है, जिसका संचालन होना बाकी है. इन सभी के निर्माण पर करीब 26.57 करोड़ की राशि खर्च की गई है.

सड़कों पर आवारा मवेशी
बेहसारा पशुओं के लिए बन रहे 9 नए गौ अभ्यारण्य : हिमाचल में नौ अभ्यारण्य भी बनाए जा रहे हैं. इनमें बिलासपुर के बल्हसीना, चंबा का मंझीर, कांगड़ा जिला का में मरूंह, नगरोटा, ऊना जिले में बीटन, कुल्लू जिले के वाहंग (मनाली) मंडी जिले के टकोली, भड़ोल, कोट के अभ्यारण्य शामिल हैं. इनके निर्माण पर करीब 10.26 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है. इनके अलावा 28 नए गौ सदनों के निमार्ण व गौ सदनों के विस्तार पर भी करीब 2.14 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.हिमाचल में 18 लाख से अधिक पशुओं की संख्या: हिमाचल में पशुओं की संख्या करीब 18 लाख हैं. 2019 की पशु गणना में यह आंकडा सामने आया है. हालांकि ,इनमें से करीब 36 हजार पशु बेसहारा पाए गए, लेकिन जिस गति से सड़कों पर पशुओं को छोड़ा जा रहा है, उसके लिए लगातार अभ्यारण्य भी कम पड़ रहे हैं. दरअसल लोग अक्सर उन पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं जोंकि उनके लिए उपयोगी नहीं रह जाते. यही वजह है कि दुधारू पशुओं की तुलना में अन्य पशु सड़कों पर ज्यादा नजर आते हैं. हालांकि ,सरकार ने पशुओं में ट्रैकिंग की व्यवस्था भी की है ,ताकि खुले में छोड़ने पर मालिक की पहचान की जा सके, लेकिन इन टैगों को भी लोग निकाल लेते हैं.ये भी है सड़कों पर पशुओं के बढ़ने की वजह: समाजिक कार्यकर्ता और प्राकृति एवं प्राणी संस्था के संस्थापक ललित शर्मा कहते हैं कि हिमाचल में एक ऐसा बिजनेस माड्यूल पर काम हो रहा है जिसमें कुछ लालची लोग घरों से पशुओं गौशाला के लिए मांग कर लाते हैं और फिर उनको सड़कों पर छोड़ देते हैं. ये लोग गौशाला में लाने के नाम पर 4 से 5 हजार रुपए एक पशु के लेते हैं, लेकिन इन पशुओं को घर से लेने के बाद कहीं खुले में छोड़ दिया जाता है. ऐसे लोग पशुओं को गौशालाओं के बहाने रखने के नाम पर कमाई कर रहे हैं. इन लोगों को कोई गौशालाएं ही नहीं है. उनका कहना है कि ऐसे लोगों पर सरकार सख्ती बरतनी चाहिए. पशुओं को ले जा रही गाड़ियों पर भी चेक रखना होगा तभी इस तरह के प्रवृति पर अंकुश लग सकेगा.

बेसहारा पशुओं के कल्याण के लिए हिमाचल में बना है गौसेवा आयोग:हिमाचल में बेसहारा पशुओं के लिए पूर्व सीएम स्व वीरभद्र सिंह ने गौवंश सर्वंधन बोर्ड का गठन किया था. तत्कालीन सरकार ने 205-16 से लेकर 2017-18 तक करीब 10.55 करोड़ की राशि इसके माध्यम से गौ सदनों के लिए करवाई थी, इसके बाद 1 फरवरी 2019 को हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग का गठन किया गया है. आयोग के लिए फंड जुटाने के लिए सरकार ने मंदिर न्यासों की कुल आय का 15 फीसदी और शराब पर सेस 2.50 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से लिया जा रहा है. पशुओं के लिए एक कॉर्पस फंड भी बनाय गया है, जिसमें मौजूदा समय में करीब 3.76 करोड़ की राशि जमा है.

सरकार बेहसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए उठा रही कदम:गौ सेवा आयोग के सहायक निदेशक डॉ. मोहिंद्र शामा का कहना है कि सरकार बेहसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए कदम उठा रही है. हिमाचल में बेसहारा पशुओं के लिए मौजूदा समय में करीब 231 गौ सदन हैं. गौ सदनों में बेसहारा पशुओं को आश्रय दिया जा रहा और सरकार इन पशुओं के लिए 700 रुपए प्रति माह पोषण के लिए भी मुहैया करा रही है.

लोगों को भी संवेदनशील होने की जरूरत:डॉ. मोहिंद्र का कहना है कि जब कहीं भी पशु पालन विभाग और आयोग को सड़कों पर बेहसहारा पशुओं के बारे में सूचना मिलती है तो उनको गौ सदनों में रखने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन कई बार देखा गया है कि जिन जगहों से पशुओं को सौ सदनों में ले जाता है, लोग उसी जगह पर फिर से दूसरे पशुओं को छोड़ देते हैं. उनका कहना है इस बारे में लोगों को भी संवेदनशील होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोई भी पशु सड़कों पर न घूमे, इसके लिए नए गौ सदनों और अभ्यारण्यों का भी निर्माण किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 28, 2023, 1:11 PM IST

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