शिमला: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हिमाचल का पर्यटन सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. आलम ये था कि भीषण महामारी के समय वर्ष 2020 में सिर्फ 32 लाख, 13 हजार सैलानी हिमाचल आए. इनमें से विदेशी सैलानियों की संख्या महज 43 हजार थी. फिर अगले साल यानी 2021 में भी कोरोना का संकट बरकरार था. दूसरी लहर के कारण व्यापक जनहानि हुई थी. हालांकि 2021 के आखिर में स्थितियां कुछ नियंत्रण में आई. इस प्रकार वर्ष 2021 में सैलानियों की संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुई. तब हिमाचल में 56 लाख, 37 हजार सैलानी आए. अब 2022 में ये संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक हो गई है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश ने एक दशक पहले से राज्य में सालाना दो करोड़ पर्यटकों की आमद का लक्ष्य रखा है. राज्य में सिर्फ वर्ष 2017 में ही 1.96 करोड़ सैलानी आए थे. फिलहाल, कोरोना संकट से उबरने के बाद हिमाचल के पर्यटन सेक्टर के लिए राहत की खबर है. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2020 में मार्च महीने में लॉकडाउन लग गया था. उस समय प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार थी और बजट सत्र चल रहा था.
2022 में हिमाचल आए डेढ़ करोड़ से अधिक सैलानी. बजट सत्र के दौरान तब 23 मार्च को सीएम जयराम ठाकुर ने लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी. उसके बाद पर्यटन सेक्टर में भी मंदी छा गई थी. वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में बीते दिसंबर माह तक पर्यटकों की आमद में 167 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि राज्य में साल 2020 में महज 32.13 लाख सैलानी आए. इनमें से 43 हजार विदेशी थे.
2019-20 के मुकाबले प्रदेश में सैलानियों की आमद 81 फीसदी कम हुई. फिर वर्ष 2021 में राज्य में 56.37 लाख सैलानी आए. इनमें विदेशी सैलानी सिर्फ पांच हजार थे. वर्ष 2022 में 150.99 लाख सैलानी देवभूमि में आए. विदेशी सैलानियों की संख्या 29 हजार रही. हिमाचल में सबसे अधिक विदेशी सैलानी वर्ष 2012 में आए थे. तब देवभूमि की वादियों का दीदार करने के लिए पांच लाख विदेशी सैलानी आए थे. वहीं, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि पर्यटकों की आमद व पसंद के मामले में हिमाचल प्रदेश भारत में अव्वल दस राज्यों में भी नहीं आता है. केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट ने बेहतर पर्यटन नीतियां बनाने की सलाह दी है.
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