शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत बेशक अभूतपूर्व शोर-शराबे, वेल में नारेबाजी से हुई, लेकिन काम के मामले में ये अब तक के मानसून सत्रों से आगे रहा. शनिवार को माननीयों के लिए निशुल्क यात्रा भत्ते में डेढ़ लाख की बढ़ोतरी का बिल पास हुआ. कृषि से संबंधित एक बिल सिलेक्ट कमेटी को सौंपा गया. कुल 11 दिन तक चले सत्र में 527 तारांकित सवालों के जवाब दिए गए. कुल नौ विधेयक पास हुए। सदन में 47.43 घंटे तक विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई. ये मानसून सेशन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए याद किया जाएगा.
मानसून सेशन के अंतिम क्षणों में सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस सत्र में पहले की तुलना में बेहतर काम काज हुआ है. उन्होंने समूचे सेशन के दौरान पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के मौजूद रहने पर खुशी जताई. विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से लोकसभा की तर्ज पर सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करने का आग्रह किया. उन्होंने नियम 101 की प्रक्रिया बदलने का भी सुझाव दिया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने सत्र के दौरान कामकाज निपटाने में हरसंभव सहयोग दिया. उन्होंने वाकआउट को विपक्ष का विशेषाधिकार बताया और कहा कि इसके माध्यम से ही विपक्ष के सदस्यों ने उस स्थिति को टालने में सफलता पाई है, जिसमें सरकार पर्यटन निगम की संपत्तियों को बेचने की कोशिश में थी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि विधानसभा में अधिकांश काम अब ऑनलाइन हो गया है. ऐसे में न केवल खर्च में कटौती हुई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली है.