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सरकार राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कृतसंकल्प: मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर - minister govind singh thakur

बुधवार को शिमला में संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भाषा एवं संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने कहा विभिन्न जिलों में लुप्त होती कलाओं को गुरु-शिष्य परंपराओं के अन्तर्गत पुनर्जीवित किया जाएगा. पुरातन और धरोहर गांवों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा.

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मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर

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Published : Aug 19, 2020, 7:28 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 8:02 PM IST

शिमला: प्रदेश के विभिन्न मंदिर प्रबंधनों ने कोविड-19 फंड में 15 करोड़ रुपये से अधिक का अंशदान दिया. यह बात संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कही. उन्होंने भाषा एवं संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.

गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत विभाग ने ‘हिम कृति कार्यक्रम’ द्वारा ऑनलाइन माध्यमों से साहित्य, कवि सम्मेलन, साक्षात्कार सहित 10 कार्यक्रमों का आयोजन कराया. आगामी हिन्दी पखवाड़ा कार्यक्रम का भी ऑनलाइन माध्यम से आयोजन कराया जाएगा. जिसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी. प्रदेश में शोध कार्य में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत लगभग 36 शोधार्थियों ने प्रदेश के अभिलेखों का अध्ययन किया है.

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गोविन्द सिंह ठाकुर ने अधिकारियों को प्रदेश की भाषा, कला, संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्रदान करने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में लुप्त होती कलाओं को गुरु- शिष्य परंपराओं के अन्तर्गत पुनर्जीवित किया जाएगा. युवाओं को इन विधाओं का प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार के अवसर प्रदान करवाएं जाएंगे. पुरातन और धरोहर गांवों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा.

मंदिर परिसरों के पास के स्थानों में हो रहे अवैध और बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर रोक लगाई जाएगी. मंदिर परिसरों में नवग्रह वाटिकाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसका रख-रखाव संबंधित मंदिर न्यास और ग्रामीण लोग करेंगे. उन्होंने कहा कि विभाग प्रदेश के ऐतिहासिक किलों के संवर्धन के लिए प्रयासरत है.

भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री ने अधिकारियों को पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में प्रदेश की विकास यात्रा को विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चंबा को यूनेस्को द्वारा धरोहर कस्बा घोषित करवाने और बाबा कांशीराम के पैतृक घर को संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इस अवसर पर भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान, निदेशक कुमुद सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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Last Updated : Aug 19, 2020, 8:02 PM IST

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