शिमला :कोरोना संकट के समय फ्रंट वॉरियर्स का सम्मान करने और उन्हें सहयोग करने की बात सरकार कहती आई, लेकिन घर-घर जाकर बच्चों को मिड-डे मील देने मील वर्कर्स की हालत दयनीय होती जा रही है. इसी मुद्दे को लेकर मिड-डे मील वर्कर्स ने सीटू के बैनर तले सरकार खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शुक्रवार को मिड-डे मील यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया जिसमें सरकार से मांग की गई कि यदि मिड-डे मील वर्करों की अनदेखी की गई तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा. यूनियन की राज्य महासचिव हिमी देवी ने बताया कि कोरोना संकट में स्कूल बंद होने के कारण घर-घर जा कर बच्चों को मिड-डे मील दिया जा रहा है, लेकिन सरकार कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दे रही है, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मिड-डे मील वर्कर्स का कहना है कि मिड-डे मील वर्कर्स क्वरांटाइन में रहने वाले कोरोना संक्रमितों के लिए खाना बना रही है. इतनी बड़ी रिस्क के बाद सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है.