शिमला: कोरोना संक्रमण के चलते जहां करोबार ठप हुआ और लोग बेरोजगार हुए हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का मनरेगा में काम करने का रुझान बढ़ा है. 2019-20 की प्रथम तिमाही जून माह में जहा 4.79 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत खर्च हुए थे. इस साल जून माह में ही 15.58 करोड़ रुपये खर्च कर 325 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
बीते साल की तुलना में इस साल कार्य दिवस में भी 218 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साथ ही मस्ट्राॅल जारी करने की प्रक्रिया में इस वर्ष 286 प्रतिशत की अधिकता रही. इसके अलावा बीते साल की तुलना में मनरेगा के तहत जिला में विकास कार्यों की पूर्ति का आंकड़ा भी 105 प्रतिशत से अधिक का आंका गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों मेंमनरेगा बनी लोगों की अजिविका का सहारा
कोरोना संकटकाल में जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और लाॅकडाउन के बाज रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा के माध्यम से कोशिश की है. इस कठिन समय में विभिन्न राज्यों से अपना रोजगार छोड़कर आए जिला से संबंध रखने वाले लोगों के घर के चूल्हे को जलाए रखा. स्थानीय लोगों को लाॅकडाउन के अवसाद से बचाए रखने के लिए मनरेगा कार्यों ने अहम भूमिका निभाई. लोगों को काम देकर लोगों के पास आंमदनी का साधन बनाए रखने का भी प्रयास किया है.