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हिमाचल बचाओ संघर्ष समिति ने उठाई मांग, उद्योगपतियों की तरह हिमाचलियों को भी दो भूमि अधिग्रहण में छूट - हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्षमेंद्र सिंह

हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा ने के अध्यक्ष लक्षमेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार प्रदेश में लोगों द्वारा अपनी जमा पूंजी लगा कर मकान बनाए हैं, लेकिन सरकार उन्हें तोड़ने का काम कर रही है, जबकि दूसरी तरफ सरकार निवेश लाने के लिए बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर मीट कर रही है.

लक्षमेंद्र सिंह, अध्यक्ष, हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा

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Published : Nov 6, 2019, 8:17 PM IST

शिमला: प्रदेश में सरकार इन्वेस्टर मीट का आयोजन कर उद्योगपतियों को यहां निवेश में छूट दे रही है, वहीं इस बीच हिमाचल के लोगों द्वारा बनाए गए सरकारी भूमि पर भवनों को नियमित करने की मांग उठ रही है.

हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा ने के अध्यक्ष लक्षमेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार प्रदेश में लोगों द्वारा अपनी जमा पूंजी लगा कर मकान बनाए हैं, लेकिन सरकार उन्हें तोड़ने का काम कर रही है, जबकि दूसरी तरफ सरकार निवेश लाने के लिए बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर मीट कर रही है.

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जिसमें देश विदेश से निवेशक आ रहे हैं और उनको यहां उद्योग लगाने के लिए जामीन लेने में छूट दे रही है. हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्षमेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में लगने वाले उद्योगों को स्थापित करने के लिए बाहरी लोगों को आठ विभागों से जो एनओसी लेनी है उसके लिए छूट दी गई है.

जिसमें नगर निगम नगर निकाय और नगर परिषद समेत अन्य तीन विभागों से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन हिमाचल के किसी व्यक्ति को यहां भवन बनाना है तो उसे ये सारी एनओसी लेनी पड़ती है. इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार यहां के लोगों को भी मकान बनाने के लिए राहत दें.

सरकार इन भवनों को तोड़ने के लिए हाई कोर्ट का सहारा ले रहा है और कोर्ट के आदेशों पर प्रदेश के शहरों में भवन तोड़े जा रहे हैं, जबकि सरकार इन लोगों को राहत देने के लिए कैबिनेट में फैसला लेकर, बिना शर्त इन भवनों को एक बार नियमित करें ताकि अपनी जमा पूंजी से बनाया गए भवन बचाया जा सकें.

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