शिमला: राजधानी शिमला के लोगों को 15 मई को मेयर और डिप्टी मेयर मिल सकता है. कांग्रेस ने अबकी बार नगर निगम बहुमत से जीता है और ऐसे में मेयर व डिप्टी मेयर भी कांग्रेस का ही बनना तय है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली से लौट आए हैं और प्रतिभा सिंह भी शनिवार को शिमला पहुंच रही हैं. ऐसे में 14 मई को नगर निगम के नव निवार्चित कांग्रेस पार्षदों की एक बैठक बुलाई गई है. इसके बाद 15 मई को नगर निगम का सदन बुलाने की तैयारी है जिसमें मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव होगा, इस तरह इस दिन दोनों का चयन कर लिया जाएगा.
नगर निगम शिमला के मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर 14 मई को स्थिति साफ हो जाएगा. इस दिन नगर निगम के कांग्रेस नव निवार्चित पार्षदों की बैठक रखी गई है, जिसमें पार्षदों की राय के बाद मेयर व डिप्टी मेयर के पदों के लिए सर्वसम्मति बनाई जाएगी. इसमें मेयर पद के लिए मेयर व डिप्टी मेयर का नाम सामने रखा जाएगा जिस पर पार्षद फैसला लेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली से शिमला पहुंच गए हैं और प्रतिभा सिंह भी शनिवार को शिमला वापस पहुंच जाएंगी. वहीं इसके लिए पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तेंजेंद्र पाल सिंह बिट्टू भी आ सकते हैं. बिट्टू नगर निगम चुनाव के लिए पार्टी की ओर से पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे. वह इसको लेकर पार्षदों से भी राय ले सकते हैं.
सुरेंद्र चौहान का मेयर बनना तय:नगर निगम के मेयर पद के लिए छोटा शिमला के पार्षद सुरेंद्र चौहान प्रबल दावेदार हैं. सुरेंद्र चौहान तीसरी बार यहां से पार्षद चुने गए हैं और इससे पहले वह 2007 और 2012 में भी पार्षद रह चुके हैं. सुरेंद्र चौहान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी हैं और मुख्यमंत्री का वार्ड भी छोटा शिमला में ही पड़ता है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राजनीति में जब कदम रखा तो सुरेंद्र चौहान और कुछ अन्य साथी उनके साथ ही थे. हालांकि मेयर पद के लिए टूटीकंडी से पार्षद ऊमा कौशल ने भी अपनी दावेदारी जताई हैं और रामबाजार से पार्षद सुषमा कुठियाला ने भी मेयर या डिप्टी मेयर में से कोई एक पद मांगा है. लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहली पसंद सुरेंद्र चौहान ही है और ऐसे में सुरेंद्र चौहान को पद देने के लिए सभी पार्षद सहमत हो जाएंगे.