शिमला: एक साल बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट में दो सहयोगी शामिल कर ही लिए. राजेश धर्माणी व यादविंद्र गोमा के शपथ लेने के बाद अब उन्हें दिए जाने वाले विभागों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. साथ ही कैबिनेट में खाली रह गए एक पद को भरने पर भी अनुमान लगने आरंभ हो गए हैं. चूंकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मपुर से विधायक चंद्रशेखर को अहम जिम्मेदारी देने की बात मीडिया में खुल कर कही है, इससे संकेत मिल रहे हैं कि विधानसभा के विंटर सेशन से पहले हिमाचल में सियासी हलचल होगी.
अभी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद भी खाली है. ऐसे में दो नए मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के साथ डिप्टी स्पीकर बनाए जाने और कैबिनेट में फेरबदल के पक्के आसार हैं. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने क्षेत्रीय संतुलन साधने की चुनौती है. ये चुनौती इसलिए भी बड़ी है कि लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं. यहां पड़ताल करते हैं कि आने वाले समय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी सरकार को क्या रूप देने का विचार रखते हैं.
ये बात सभी जानते हैं कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सत्ता संभालने के बाद अपने हिसाब से ही सरकार चलाई है. उन्होंने कैबिनेट में भी अपने भरोसेमंद और पुराने साथियों को प्राथमिकता दी है. इसके लिए क्षेत्रीय संतुलन की भी परवाह नहीं की गई. उदाहरण के लिए शिमला जिला से ही रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह व अनिरुद्ध सिंह कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें से रोहित ठाकुर व अनिरुद्ध सिंह सीएम सुखविंदर सिंह के करीबी हैं. इसके अलावा हाल ही में शामिल हुए राजेश धर्माणी व यादविंद्र सिंह गोमा का नाम भी उल्लेखनीय है. राजेश धर्माणी सीएम सुक्खू के पुराने भरोसे के साथी हैं.
वीरभद्र सिंह सरकार के समय धर्माणी ने सीपीएस की कुर्सी छोड़ी थी. उन्हें वीरभद्र सिंह विरोध कैंप में होने के कारण अनदेखी झेलनी पड़ी थी. अब वे लाइम लाइट में हैं. इसी तरह यादविंद्र सिंह गोमा के पिता और पूर्व विधायक मिल्खी राम गोमा का भी दौर रहा है. वे जयसिंहपुर (तब राजगीर सीट) से विधायक रहे, लेकिन उनकी भी वीरभद्र सिंह सरकार में कोई खास पूछ नहीं थी. अब उनके बेटे कैबिनेट मंत्री हैं.
अब राजेश धर्माणी और यादविंद्र गोमा कैबिनेट मंत्री हैं. उन्हें अब विभागों का इंतजार है. विभागों का सिलसिला देखें तो इस समय सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास गृह, वित्त, योजना, सामान्य प्रशासन, उर्जा, आबकारी, वन आदि विभाग हैं. इसी तरह डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन, जलशक्ति, आर्ट एंड कल्चर आदि विभागों का कार्यभार है. सीएम सुखविंदर सिंह वन विभाग, उर्जा विभाग, कार्मिक, सामान्य प्रशासन आदि विभागों में से कुछ को बांट सकते हैं. यदि फेरबदल की बात की जाए तो सियासी गलियारों में विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया को मंत्री बनाने की सुगबुगाहट है.