शिमला:सोलन जिला प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के नाम पर डिग्रियां बेचने के धंधे का सेंटर प्वाइंट बन गया है. मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री कांड का खुलासा होने के बाद जांच में कई हैरतअंगेज तथ्य सामने आ रहे हैं. बोगस डिग्री फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड यूनिवर्सिटी का चेयरमैन राजकुमार राणा है. हिमाचल पुलिस की विशेष जांच टीम अब राणा पर शिकंजा कसेगी.
खुलासा हुआ है कि फर्जी डिग्रियां एक लाख रुपए तक में बेची गईं. राजकुमार राणा की कुछ महिला मित्रों की संलिप्तता भी सामने आई है. एसआईटी की जांच में तीन महिला मित्रों की संलिप्तता पाई गई है. उनके माध्यम से भी डिग्रियां बेची गईं. महिला मित्रों ने भी इस धंधे से खूब पैसा बटोरा है. ये सब पुलिस की एसआईटी की रडार पर हैं.
हिमाचल पुलिस की साउथ रेंज के आईजी आसिफ जलाल के अनुसार एसआईटी पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. अभी कुल एक हजार डिग्रियां बेचने के अकाट्य साक्ष्य मिले हैं. ये घपला कम से कम 25 करोड़ तक पहुंचने के आसार हैं और तो और पुणे के एक निजी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने भी मानव भारती यूनिवर्सिटी से पीएचडी की बोगस डिग्री हासिल की थी.
पुणे की स्पाइसर एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी के वीसी रहे नोबल प्रसाद पिल्लई की शिकायत होने के बाद उन्हें पद से हटाया गया था. ये मामला 2018 का है. तब पुणे के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल की थी. उसके बाद पिल्लई के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था. पिल्लई ने मानव भारती यूनिवर्सिटी से पीएचडी की फर्जी डिग्री लेकर प्रमोशन व अन्य वित्तीय लाभ ले लिए थे.