शिमला: मणिपुर में जारी तनाव में फंसे छात्रों को निकालने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तत्परता के साथ संवेदनशीलता भी दिखाई है. मुख्यमंत्री ने वहां फंसे 5 छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए पहल की और व्यक्तिगत तौर से 60 हजार रुपये की राशि भी अपनी जेब से इसके लिए दी है. इन छात्रों ने फोन पर मुख्यमंत्री से संपर्क कर सहायता की अपील की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रयासों से पांच छात्रों को मणिपुर से सुरक्षित निकाल लिया गया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संवेदनशीलता दिखाते हुए मणिपुर में फंसे हिमाचली छात्रों को निकालने में तत्परता दिखाई है. मणिपुर में जारी तनाव के बीच वहां शिक्षा ग्रहण करने गए हिमाचल के कुछ बच्चों ने मुख्यमंत्री को फोन कर उनकी वहां से रेस्क्यू की गुहार लगाई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर हिमाचल के अधिकारियों ने मणिपुर के प्रशासन से संपर्क कर इसके लिए विशेष अभियान चलाया, इसके तहत पांच बच्चों को इम्फाल के पूर्वी क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया, जिनमें एक लड़की भी शामिल है. रेस्क्यू किए गए तीन छात्र राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), जबकि दो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें सिमरन, सुजल कौंडल, अश्वनी कुमार मंडी जिले के नवांग छेरिंग कुल्लू और केशव सिंह हमीरपुर जिले से संबंध रखते हैं.
मुख्यमंत्री लगातार अफसरों के संपर्क में रहे: मुख्यमंत्री व्यक्तिगत तौर पर समय-समय पर अधिकारियों से बचाव अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहे. इन छात्रों को मणिपुर से बाहर निकालने में सबसे बड़ी बाधा इम्फाल से आने वाली फ्लाइट में सीट की अनुपलब्धता थी. मुख्यमंत्री के आदेश पर अधिकारियों ने इंडिगो से विशेष विमान चलाने का अनुरोध किया और आज सुबह 8.20 बजे उन्हें लेकर इम्फाल से इस विमान ने उड़ान भरी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सेना से संपर्क कर बच्चों को हिंसाग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी और सेना ने सुबह सवा पांच बजे बच्चों को इंफाल एयरपोर्ट पर पहुंचाया. वहां से ये छात्र आज सुबह कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंच गए.