शिमला:इस साल मकर संक्रांति को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. लोगों में कंफ्यूजन है कि वह 14 जनवरी या फिर 15 जनवरी कब वह शाही स्नान कर व्रत रखें और दान करें. पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा. वहीं, त्यौहारों को लेकर तिल, मूंगफली, रामदाना, गच्चक, रेवड़ी व बादाम के बने आइटम लोगों द्वारा पसंद किए जा रहे हैं. राजधानी में इस मौके पर विभिन्न जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
पंडित मस्त राम शर्मा ने बताया कि उन्होंने मकर संक्रांति की तिथि को लेकर चल रहे संशय को लेकर कहा 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. उन्होंने बताया कि शास्त्रों और पंचांग के अनुसार यह पर्व रविवार को ही मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है, इसलिए इसको उत्तरायणी भी कहते हैं. दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि यानी नकारात्मकता का प्रतीक और उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है.