शिमला:कोरोना की दूसरी लहर के बीच कुछ राज्यों ने कई क्षेत्रों में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में हिमाचल में भी लॉकडाउन की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने सिर्फ कोविड नियमों और एसओपी का सख्ती से पालन करवाने का ही निर्णय लिया गया है. सरकार हिमाचल में लॉकडाउन लगाने पर अभी विचार नहीं कर रही है. इसके अलावा हिमाचल में शैक्षणिक संस्थानों को 21 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है.
कैबिनेट बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि लोग मास्क का इस्तेमाल करने के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करें. सरकार जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ टेस्टिंग बढ़ाने की कोशिश करेगी. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कोरोना एक महामारी, लेकिन आर्थिक परिस्थितियों पर भी नजर जरूरी है, ऐसा ना हो कि कोरोना से पहले इंसान भूख से ही मर जाए.
इन बातों पर ध्यान देगी सरकार
- मास्क ना लगाने पर होगी सख्ती
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
- टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर
- जागरूकता अभियान
- सार्वजनिक कार्यक्रमों में सीमित संख्या में शामिल होंगे लोग
सख्ती से करवाया जाएगा नियमों का पालन
सरकार ने साफ किया है कि लॉकडाउन लगाने की जगह सख्ती बढ़ाई जाएगी और कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित करवाया जाएगा. लॉकडाउन ना लगाने का सबसे बड़ा कारण हिमाचल का पर्यटन व्यवसाय है. हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है. प्रदेश के विकास में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है. लाखों की संख्या में पर्यटक हर साल हिमाचल पहुंचते हैं. हिमाचल में कई परिवार पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं. पर्यटन व्यवसाय से ही इन परिवारों की रोजी रोटी चलती है. धार्मिक, साहसिक पर्यटन के अलावा होटल, रेस्टोरेंट व्यावसायी, टूरिस्ट गाइड समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लाखों लोगों को रोजगार मिलता है, लेकिन कोरोनाकाल पर्यटन कारोबार पर भारी पड़ा है. लॉकडाउन ने इस व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी थी. कई लोग बेरोजगार हो गए थे. लॉकडाउन खत्म होने के कुछ समय बाद पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा था.