शिमला: प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में छात्रों को जेंडर सेंसटाइजेशन को लेकर जागरूक किया जाएगा. इसके लिए पहल शिक्षा विभाग की ओर से महिला एवं बाल विकास आयोग के साथ मिलकर की जा रही है. इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को समाज को समझने और किस तरह की धारणा किसी के प्रति रखनी चाहिए इस बात को लेकर जागरूक किया जाएगा.
शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. कार्यशाला करवाने से पहले एक टेस्ट छात्रों का लिया जाएगा जिसके आधार पर जेंडर सेंसटाइजेशन को लेकर उनके एटीट्यूड का आंकलन किया जाएगा और फिर ऐसा ही टेस्ट कार्यशालाओं का आयोजन करने के बाद किया जाएगा जिससे कि यह पता चल सके कि इस विषय को लेकर कितनी जानकारी छात्रों को मिली और कितना उनका नजरिया बदला. बता दें कि टेस्ट के लिए प्रश्न पत्र भी शिक्षा विभाग की ओर से इन दिनों तैयार किया जा रहा है.
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इस कार्यक्रम को शिक्षा विभाग अभी पायलट बेस पर दो स्कूलों और दो कॉलेजों में शुरू करने जा रहा है. इसमें सोलन के अर्की और छोटा शिमला स्कूल को चुना गया है. साथ ही शिमला जिला के ठियोग के साथ एक अन्य कॉलेज का चयन जल्द ही किया जाएगा. बताया जा रहा है कि चयनित स्कूल और कॉलेजों में अगस्त माह में यह कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षाविद और मनोविज्ञान से जुड़े शिक्षक शामिल किए गए हैं.
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शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक सोनिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग खुद ही वर्कशॉप का मॉड्यूल तैयार कर रहा है. कार्यक्रम का मकसद जेंडर सेंसटाइजेशन पर छात्रों को जागरूक करना है. अगस्त माह तक इस प्रोग्राम को पायलट बेस पर शुरू कर दिया जाएगा.