रामपुरः हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने गोविंद वल्लभ पंत राजकीय महाविद्यालय रामपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस कार्यक्रम में प्रो. श्रीवास्तव ने दिव्यांग विद्यार्थियों के अधिकार और शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार रखे.
प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से दृष्टि बाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थी बहुत आसानी से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए स्कूलों एवं कालेजों में सुगम्य लाइब्रेरी की व्यवस्था तुरंत की जानी चाहिए.
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों को दया नहीं बल्कि पढ़ाई के लिए आधुनिक सुविधाएं चाहिए. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उत्तर भारत के पहले सुगम्य पुस्तकालय की स्थापना की गई है. शिक्षण संस्थान का यहां कानूनी दायित्व है कि वह सभी तरह के बच्चों के साथ बराबरी का व्यवहार करें.
हम बच्चों के लिए तो शिक्षा संस्थानों में पुस्तकालय होते हैं, लेकिन दृष्टि बाधित विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर टॉकिंग सॉफ्टवेयर से सुसज्जित सुगम्य पुस्तकालय जल्द से जल्द स्थापित किए जाने चाहिए. जिनकी मदद से दृष्टिबाधित विद्यार्थी भी आसानी से सुनकर पढ़ाई कर सकते हैं.
बता दें कि विकलांग जन अधिकार अधिनियम 2016 में दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में 5 प्रतिशत आरक्षण और उसके बाद नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थापित सुगम्य लाइब्रेरी की तर्ज पर सभी स्कूलों और कॉलेजों में यह व्यवस्था किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ही कर चुके हैं. अब इस पर शीघ्र अमल करने की जरूरत है.