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शिमला में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन, वामपंथी संगठनों ने केंद्र को घेरा

शिमला में बामपंथी संगठनों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन किया है. बामपंथी संगठनों ने केंद्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून को वापस लेने की मांग उठाई. किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कृषि कानून को काला कानू बताया है.

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Published : Feb 6, 2021, 4:00 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 5:06 PM IST

शिमलाः कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है. किसान संगठनों को विपक्षी दलों का भी साथ मिल रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को शिमला में भी वामपंथी संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया है. वामपंथी संगठनों ने दोपहर करीब 12:30 बजे लक्कड़ बाजार से विक्ट्री टनल तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान सीटू, किसान सभा और छात्र संगठन मौजूद रहे.

एहतियात के तौर पर पुलिस भी थी मौजूद

लोगों को परेशानी न हो इसके लिए विक्ट्री टनल पर पहले से ही पुलिस बल मौजूद थी. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग उठाई गई.

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कृषि कानून किसानों के हित में नहीं

किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने कृषि कानून को काला कानू बताया. उनका कहना था कि आज किसान सरकार के इस कानून से परेशान हैं. आज किसान मजबूरन सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना था कि 13 फरवरी को एक राज्य स्तरीय सम्मेलन रखा गया है जिसमें हिमाचल में बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. हिमाचल में भी फल, सब्जी उत्पादक किसान हैं, जो सरकार की नीतियों से परेशान हैं. वो सब मिल कर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे.

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Last Updated : Feb 6, 2021, 5:06 PM IST

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