शिमला:हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा नई कंपनी के हाथों में सौंपने के बाद कई कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिससे कर्मियों में काफी रोष है. कर्मी सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें न निकाला जाए. इसी कड़ी में सोमवार को एंबुलेंस कर्मी शिमला के पीटरहॉफ पहुंचे, जहां विधायक प्राथमिकता की बैठक चल रही है. एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी आपबीती नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को (Mukesh Agnihotri on Ambulance personnel) सुनाई और सरकार के समक्ष इस मामले को उठाने की गुहार लगाई.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एंबुलेंस कर्मियों (Ambulance Service in Himachal) को कांग्रेस का पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया और कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में 108 ओर 102 एंबुलेंस कर्मियों (Ambulance service recruitment Himachal) ने अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन अब सरकार द्वारा इसका संचालन किसी और कंपनी को दे दिया गया है. कंपनी द्वारा पिछले दस सालों से काम कर रहे कर्मियों को अब बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
एंबुलेंस कर्मियों के पक्ष में उतरे नेता प्रतिपक्ष. सरकार कंपनी (Medswan Foundation Ambulance service Himachal) को सभी गाड़ियां और पूरा सेटअप दे रही है. ऐसे में जो कर्मी पहले काम कर रहे थे, कंपनी को उन्हें ही काम पर रखना चाहिए. मुकेश ने कहा कि सरकार कंपनी को पैसे दे रही है, जबकि यही कार्य सरकार अपने स्तर पर भी कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को कुछ नहीं मिल रहा है और सरकार का पैसा ठेकेदार खा रहे हैं. ये ठेकेदारी प्रथा खत्म होनी चाहिए और जो पैसा ठेकेदारों को दिया जाता है, उसे सीधे काम करने वाले युवाओं को देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार को संबंधित कंपनी को तुरंत निर्देश देने चाहिए कि जो कर्मी पहले से ही काम कर रहे है, उन्हें ही नौकरी पर रखा जाए. वहीं, बटालियन के जवानों के मैस में खाना छोड़ने पर भी मुकेश ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये सरकार निर्णय लेने में पूरी तरह से विफल हो गई है. प्रदेश भर में पुलिस जावनों ने मैस में खाना छोड़ दिया है और ये सरकार जवानों की (Himachal Police Personnel left Mess food) आवाज तक नहीं सुन रही है. उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत इन मसलों को हल करे.
ये भी पढ़ें:मंडी में चोर गिरोह का भंडाफोड़, लाखों का चोरीशुदा सामान बरामद