शिमला:हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन प्रश्नकाल के बाद सदन में पूर्व सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन मंच कार्यक्रम को लेकर खूब बवाल हो गया. नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूछा कि क्या वर्तमान सरकार इस कार्यक्रम को बंद कर रही है. उन्होंने कार्यक्रम को बंद ना करने का मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया और कहा कि जन मंच एक लोकप्रिय कार्यक्रम है. जिसमें लोगों की शिकायतों का मौके पर निपटारा होता है और लगभग 43,821 शिकायतों का पूर्व की भाजपा सरकार में इसके माध्यम से हल हुआ है. नेता विपक्ष जयराम ठाकुर वर्तमान सरकार इसको बंद करके गलत परंपरा शुरू कर रही है. जिस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने दखल देते हुए कहा कि जन मंच कार्यक्रम लंच मंच में तब्दील हो गया था और पूर्व की सरकार में 5 करोड़ रुपये टैंट और लंच में फूंक दिए और कार्यक्रम में अधिकारियों की खूब बेइज्जती भी होती रही है.
जयराम ठाकुर बोले: जन मंच को बंद न करे सरकार, लोगों की समस्याओं का होता था समाधान - नेता विपक्ष जयराम ठाकुर न्यूज़
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन प्रश्नकाल के बाद सदन में नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने जन मंच कार्यक्रम को लेकर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि क्या वर्तमान सरकार इस कार्यक्रम को बंद कर रही है. उन्होंने कार्यक्रम को बंद ना करने का मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया और कहा कि जन मंच एक लोकप्रिय कार्यक्रम है. जिस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने दखल देते हुए कहा कि जन मंच कार्यक्रम लंच मंच में तब्दील हो गया था और पूर्व की सरकार में 5 करोड़ रुपये टैंट और लंच में फूंक दिए और कार्यक्रम में अधिकारियों की खूब बेइज्जती भी होती रही है.
![जयराम ठाकुर बोले: जन मंच को बंद न करे सरकार, लोगों की समस्याओं का होता था समाधान Jairam Thakur on closure of the Jan Manch program](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-18055561-thumbnail-4x3-jairam.jpg)
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में बंद करने की जो प्रक्रिया शुरू हुई है वह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जन मंच जनता की समस्याओं को लेकर हिमाचल प्रदेश ही नहीं देशभर में विख्यात हुआ है और ऐसे में इस कार्यक्रम को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने नाम पर नई योजनाएं बनाने की गलत परंपरा शुरु कर रहे हैं और एक भेदभावपूर्ण रवैया सरकार द्वारा अपनाया जा रहा है. जिसका जनता में बहुत अधिक रोष है. स्कूल कॉलेज और अन्य संस्थानों को यह सरकार पहले ही बंद कर चुकी है और जो जनहित में चलाई गई योजनाओं को भी अब सरकार ने बंद करना शुरू कर दिया है जो कि अच्छी परंपरा नहीं है.