शिमला: प्रदेश के कानून मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून 2006 में ही बना दिया गया था, लेकिन वह बहुत ही हल्का था और उसमें सजा का कोई खास प्रावधान नहीं था. इसलिए जयराम सरकार ने धर्मांतरण के विरुद्ध एक नया बिल विधानसभा में लाया और चर्चा के बाद यह स्वीकार हो गया. जिसके बाद यह कानून बन गया.
इस एक्ट में एक प्रोविजन था जिसके अधीन कुछ कानून बनाने आवश्यक थी जो कि सरकार द्वारा बनाए जाने थे. दूसरा इस एक्ट को लागू करने की तिथि भी सरकार द्वारा निश्चित की जानी थी. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पिछली कैबिनेट की बैठक में यह कानून भी बना दिए गए हैं और अब प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी जिसके बाद यह कानून बन गया है. इसके अधीन अब कानूनी करवाई भी की जा सकती है.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बनाने में हिमाचल प्रदेश देश में सबसे आगे है. इससे आगे बढ़कर यह भी कहा जा सकता है कि कांग्रेस सरकार के समय ही कानून बना दिया गया था. उन्होंने कहा कि अब इसी एक्ट में और संशोधन किए जा सकते हैं और इसे और सख्त बनाया जा सकता है, ताकि लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाई जा सके.
'हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया यह एक्ट एक मॉडल एक्ट के रूप में सामने आया'