शिमला/कुल्लू:हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब शुक्रवार से एक बार फिर से क्रस्ना लैब की सेवाएं शुरू हो गई है. जिससे हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को राहत मिली है. प्रदेश सरकार व क्रस्ना कंपनी के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया. शुक्रवार को दोपहर बाद शिमला के आईजीएमसी, डीडीयू व केएनएच अस्पतालों में क्रस्ना लैब में कर्मचारियों ने हड़ताल को खत्म करने के बाद अपना कार्य शुरू किया. अस्पताल में दोपहर बाद क्रस्ना लैब में मरीजों के सैंपल लिए गए. जिससे मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ा. हालांकि सरकारी लैब में शाम चार बजे तक ही मरीजों के सैंपल लिए गए. इससे पहले सुबह के समय अस्पतालों में क्रस्ना लैब बंद रही.
क्रस्ना लैब के कर्मचारियों के पास मरीज टेस्ट करवाने के लिए गए, लेकिन लैब के कर्मचारियों ने टेस्ट करवाने से मना कर दिया था. जिसकी वजह से मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा. मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए इंतजार करना पड़ा. जानकारी के अनुसार क्रस्ना पैथोलॉजी को प्रदेश सरकार द्वारा 40 करोड़ की राशि देय था. अपनी सेवाएं बंद करने के लिए सरकार व एनएचएम को नोटिस भी दे दिया था. इसमें यह कहा गया था कि चार से पांच माह तक 40 करोड़ की पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया था जिसको लेकर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल पाया. जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था. यह हड़ताल तीसरे दिन खत्म हुई. जिसके बाद अब मरीजों की भी परेशानियां खत्म हुई. मौजूदा समय में क्रस्ना लैब में मरीजों को 54 टेस्ट की सुविधा निशुल्क मिल रही है. अब मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.