शिमला:हिमाचल में लगातार बढ़ रहे ठंड के प्रकोप से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. 0-6 साल की उम्र के बच्चे का ठंड के मौसम में ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में शिमला स्थित शिशु एवं मातृ हॉस्पिटल (केएनएच) के डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने एडवाइजरी जारी कर छोटे बच्चों का ठंड में ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी है. डाॅक्टरों का कहना है कि सर्दियों में बच्चों को सबसे ज्यादा निमोनिया का खतरा होता है. ऐसे में उन्होंने इससे बचने के लिए उपाय बताए हैं. (KNH Hospital issued advisory for children)
ये होते है निमोनिया के लक्षण-सर्दियों में बच्चों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है. अगर बच्चों में कंपकंपी के साथ बुखार हो, सीने में दर्द या बेचैनी, उल्टी, दस्त सांस लेने में दिक्कत हो, इसके अलावा गाढ़े भूरे बलगम के साथ तेज खांसी या खांसी में खून, भूख न लगना, कमजोरी, होठों में नीलापन जैसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना जरूरी है. ये सभी निमोनिया के संकेत हैं, जिसमें जरा सी भी लापरवाही खतरनाक हो सकती है. (Symptoms of Pneumonia)
सर्दियों में बच्चों का विशेष ध्यान रखे-केएनएच अस्पताल के एमएस डॉ. रमेश कुमार का कहना है कि निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है. इसलिए कम उम्र के बच्चों को सर्दियों के मौसम में बचाव के तौर-तरीकों पर पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि शिशुओं को पीसीवी का टीका जरूर लगाना चाहिए. पीसीवीया न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन का टीका शिशु को दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह में लगाने होते हैं. ऐसे में छोटे बच्चों पर तो इसका असर और भी ज्यादा हो सकता है.
पहनाएं गर्म कपड़े:बच्चों के कपड़ों का सर्दियों में विशेष ध्यान रखें. कपड़ों में की गई थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चे पर भारी पड़ सकती है, इसलिए जैसे ही मौसम बदले, बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दें. हल्की ठंड को नजरअंदाज ना करें और बच्चों को हमेशा मोजे पहना कर रखें. इसके साथ ही सिर पर टोपी भी पहना लें. हालांकि ज्यादा कपड़े पहनाने से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है ऐसे में जरूरी यह है कि बच्चे के लिए कपड़ों की सही लेयर के साथ उसकी नियमित पोषक को ध्यान में रखा जाए. (Take care of children in winter) (Winter care tips for babies)