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सर्दी के मौसम में ऐसे रखें छोटे बच्चों का ध्यान, बचाव को लेकर KNH अस्पताल ने की एडवाइजरी जारी - शिमला स्थित शिशु एवं मातृ हॉस्पिटल

हिमाचल में लगातार बढ़ रही ठंड में बच्चों का किस तरह से ख्याल रखना है इसको लेकर शिमला स्थित शिशु एवं मातृ हॉस्पिटल (केएनएच) के डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने बचाव को लेकर कई टिप्स दिए हैं और ठंड से बचाने के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतना आवश्यक है इसके बारे में जानकारी सांझा की है. (KNH Hospital issued advisory for children) (Symptoms of Pneumonia)

KNH Hospital issued advisory for children.
KNH अस्पताल ने की एडवाइजरी जारी.

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Published : Dec 1, 2022, 4:11 PM IST

शिमला:हिमाचल में लगातार बढ़ रहे ठंड के प्रकोप से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं. 0-6 साल की उम्र के बच्चे का ठंड के मौसम में ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. ऐसे में शिमला स्थित शिशु एवं मातृ हॉस्पिटल (केएनएच) के डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने एडवाइजरी जारी कर छोटे बच्चों का ठंड में ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी है. डाॅक्टरों का कहना है कि सर्दियों में बच्चों को सबसे ज्यादा निमोनिया का खतरा होता है. ऐसे में उन्होंने इससे बचने के लिए उपाय बताए हैं. (KNH Hospital issued advisory for children)

ये होते है निमोनिया के लक्षण-सर्दियों में बच्चों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है. अगर बच्चों में कंपकंपी के साथ बुखार हो, सीने में दर्द या बेचैनी, उल्टी, दस्त सांस लेने में दिक्कत हो, इसके अलावा गाढ़े भूरे बलगम के साथ तेज खांसी या खांसी में खून, भूख न लगना, कमजोरी, होठों में नीलापन जैसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना जरूरी है. ये सभी निमोनिया के संकेत हैं, जिसमें जरा सी भी लापरवाही खतरनाक हो सकती है. (Symptoms of Pneumonia)

KNH अस्पताल ने की एडवाइजरी जारी.

सर्दियों में बच्चों का विशेष ध्यान रखे-केएनएच अस्पताल के एमएस डॉ. रमेश कुमार का कहना है कि निमोनिया से बच्चों के ग्रसित होने की संभावना सर्दियों के मौसम में अधिक होती है. इसलिए कम उम्र के बच्चों को सर्दियों के मौसम में बचाव के तौर-तरीकों पर पेरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि शिशुओं को पीसीवी का टीका जरूर लगाना चाहिए. पीसीवीया न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन का टीका शिशु को दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह में लगाने होते हैं. ऐसे में छोटे बच्चों पर तो इसका असर और भी ज्यादा हो सकता है.

पहनाएं गर्म कपड़े:बच्चों के कपड़ों का सर्दियों में विशेष ध्यान रखें. कपड़ों में की गई थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चे पर भारी पड़ सकती है, इसलिए जैसे ही मौसम बदले, बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दें. हल्की ठंड को नजरअंदाज ना करें और बच्चों को हमेशा मोजे पहना कर रखें. इसके साथ ही सिर पर टोपी भी पहना लें. हालांकि ज्यादा कपड़े पहनाने से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है ऐसे में जरूरी यह है कि बच्चे के लिए कपड़ों की सही लेयर के साथ उसकी नियमित पोषक को ध्यान में रखा जाए. (Take care of children in winter) (Winter care tips for babies)

बच्चों को रोज स्टीम दें, विटामिन सी युक्त फल सर्दी जुखाम से बचाएंगे: संक्रमण से लड़ने में पोषक तत्व की अहम भूमिका होती है. बच्चों को संतरे, स्ट्रॉबेरी, टमाटर और ब्रोकली जैसे विटामिन सी वाले सिट्रस फल खाने को दें. ये फल और सब्जियां सर्दी-जुकाम से बचाने का काम करती हैं. ठंड लग भी जाएं तो विटामिन सी बच्चों की जल्दी रिकवरी करता है. इसके साथ ही बच्चों को स्टीम भी दे सकते हैं.

ना खिलाएं ठंडी चीजें:सर्दी में भूल से भी बच्चे को ठंडी चीजें ना खिलाएं. साथ ही उसे बासी खाना या ठंडा खाना भी न दें. बच्चा क्या खाता है इस बात पर विशेष ध्यान दें. वहीं, मालिश से जहां बच्चे की मांस पेशियां मजबूत रहती हैं, वहीं इसके साथ बच्चों का शरीर गर्म भी रहता है. इसलिए सर्दी के मौसम में बच्चों की मालिश जरूर करें. (How to keep baby healthy in winter)

नवजात का भी ठंड में रखें ध्यान: सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है. सर्दियों में छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए अन्यथा वह बीमार हो जाते हैं. निमोनिया होने का भी खतरा रहता है, ऐसे में छोटे बच्चों को भी गर्म कपड़े पहना कर रखें. नवजात बच्चों को ठंड लगने से उल्टी और दस्त लगने का ज्यादा खतरा होता है. दस्त के साथ बच्चे के शरीर से बहुत पानी निकल जाता है. इसी कारण बच्चे को अधिक प्यास लगती है, कमजोरी महसूस होती है. पेशाब में कमी हो जाती है. इसलिए नवजात को मां के दूध के अलावा ओआरएस और बार-बार पानी देना बेहद जरूरी है.

इम्यूनिटी बढ़ाना जरूरी: सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर बच्चे सुस्त हो जाते हैं और खाना-पीना छोड़ देते हैं. ठंड न लगे इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ानी बहुत जरूरी है. डॉक्टरों की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में बच्चों के सोने का समय तय कर लें.

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