शिमला: हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश के सेब बगीचों में स्कैब और अन्य बीमारियों के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त की है. किसान सभा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सेब के बगीचों में इस बीमारी की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. किसान सभा ने सरकार से आग्रह किया है कि वह विशेषज्ञों की टीम को बगीचों में भेजकर स्थिति का जायजा लें.
हिमाचल किसान सभा के वित्त सचिव संजय चौहान ने बताया कि अगर समय रहते स्कैब जैसी महामारी पर रोकथाम नहीं की गई, तो प्रदेश की 4500 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी तबाह हो जाएगी. वहीं, इस संकट के समय में प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.
शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों और बागवानों को दी जा रही सहायता और सब्सिडी में कटौती होने के चलते खाद, बीज, फफूंदीनाशक, कीटनाशक और अन्य सामग्री की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है. जिससे छोटे किसान इन कीटनाशकों को पर्याप्त मात्रा में नहीं खरीद पा रहे हैं. जिससे बगीचों में दवाईयों का छिड़काव ना हो पाने के कारण आज बीमारियों का प्रकोप बड़ा है.
संजय चौहान ने कहा कि किसान सभा सरकार से मांग करती है कि सरकार स्कैब और अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए संजीदगी से कदम उठाए. वहीं, सरकार बागवानी विभाग और विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीमें बगीचों में भेजकर बागवानों का सहयोग करे. संजय चौहान ने कहा कि अगर सरकार इन मांगों पर गौर नहीं करती तो किसान सभा बागवानों को लामबन्द करेगी. वहीं, 20 जुलाई से ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन से किया जाएगा.
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