शिमला: हिमाचल प्रदेश के धरतीपुत्रों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1043 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई है. इस योजना से 4 लाख, 4 हजार 29 किसानों को लाभ मिला है. यही नहीं, राज्य के 1 लाख 77 हजार 564 किसानों को मुद्रा योजना में 2958 करोड़ रुपये से वित्त पोषण किया गया है.
राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना ने शिमला में यूको बैंक की हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्ज समिति की 153वीं बैठक के दौरान ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि इस वर्ष बैंकों ने हिमाचल प्रदेश में 6327.21 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 8620.08 करोड़ रुपये के नए लोन दिए हैं.
राज्य में कार्यरत बैंकों ने इस वर्ष 760.55 करोड़ रुपये के मुकाबले गैर प्राथमिकता क्षेत्र में 2571.38 करोड़ रुपये के नए लोन दिए. साथ ही कृषि क्षेत्र में 1854.46 करोड़ रुपये के मुकाबले 2767.97 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए.
उन्होंने कहा कि फसल ऋण के तहत बैंकों द्वारा 6760.61 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक बैंकों के पास 117925.31 करोड़ रुपये की कुल बकाया राशि तथा 51753.61 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि उपलब्ध है. इसका सीडी अनुपात 45.92 प्रतिशत है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में डीबीटी को सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है. राज्य डीबीटी पोर्टल को भारत डीबीटी पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है. अभी तक कुल 164 (72 केंद्रीय तथा 92 राज्य प्रायोजित योजनाएं) भारत डीबीटी पोर्टल पर उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा कि 3631.55 करोड़ रुपये की राशि 50 नगद योजनाओं के तहत आधार से जुड़े हुए बैंक लाभार्थियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिए गए हैं. बैठक में यूको बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ एके गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में बैंकों ने 362 मामले स्वीकृत किए हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा योजना में 546 दावों और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 1030 दावों का निपटारा किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबन्धक केसी आनन्द ने कहा कि वर्तमान में राज्य में बैंकों के 2175 शाखाओं और 1990 एटीएम के नेटवर्क हैं और बैंक मित्र के माध्यम से 1762 बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं.