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सेब कलस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा किन्नौर, खर्च किए जाएंगे 50 करोड़

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Published : Aug 26, 2021, 9:17 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 9:49 PM IST

एचपीएमसी बीओडी बैठक में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि किन्नौर जिले को सेब विकास क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि 600 करोड़ रुपये के सेब आर्थिकी वाले किन्नौर जिले में 10,400 हेक्टेयर भूमि पर सेब की बागवानी की जा रही है.

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फोटो.

शिमला: किन्नौर जिले को सेब विकास के लिए क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा. इस कार्य पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और एचपीएमसी को क्लस्टर विकास एजेंसी का कार्य सौंपा गया है. यह बात बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने गुरुवार को आयोजित एचपीएमसी बीओडी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.

कार्यक्रम के तहत पूर्व फसल उत्पादन कार्यकलापों पर बल दिया जाएगा, जिसके अंतर्गत मृदा परीक्षण, पत्ता विश्लेषण, प्लांट हेल्थ क्लीनिक सुविधाएं स्थापित की जाएगी. उत्पादन के तौर-तरीके जैसे उच्च घनत्व पौध रोपण, एकीकृत रोग कीट प्रबंधन कार्य किए जांएगे और फसल उत्पादन, पैकिंग हाऊस, प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जाएंगी. इसके अलावा विपणन के क्षेत्र में कार्य किए जाएंगे, जिनमें मार्केट यार्ड, अपग्रेडेशन, विपणन के नए चैनल स्थापित करना और किन्नौर की ब्रांडिग पर विपणन को बढ़ावा देना शामिल है. इन कार्यों के लिए कृषक उत्पादक समूह का गठन भी किया जाएगा.

महेंद्र सिंह ने कहा कि 600 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी वाले किन्नौर जिले में 10,400 हेक्टेयर भूमि पर सेब की बागवानी की जा रही है. प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर जिला मंडी के जड़ोल व सोलन के जाबली में एचपीएमसी के उत्पादों की बिक्री के लिए विक्रय केंद्र निर्मित किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की कुंडली स्थित भूमि एवं कोलकाता में एचपीएमसी की भूमि पर पीपीपी मोड पर विकास कार्य आरम्भ किए जाएंगे. जड़ोल, टिक्कर और शिमला जिले में एचपीएमसी द्वारा पेट्रोल पंप (किसान सेवा केंद्र) भी स्थापित किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवाानी परियोजना के अंतर्गत 266 करोड़ रुपये की लागत सेे 15 विकास कार्य किए जा रहे हैं. शिमला जिले के पराला में निर्माणाधीन फल विधायन संयंत्र में मिनरल वाटर की बाॅटलिंग के अतिरिक्त कागज, चिप्स, पशुचारा आदि तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा जड़ोल (सुन्दरनगर) स्थित फल विधायन संयंत्र में आम, नीम्बू, टमाटर पर आधारित फल विधायन की गतिविधियों में वृद्वि करने का भी निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सेब के लिए वर्ष 2021 में मंडी मध्यस्थता योजना के अंर्तगत निगम द्वारा 169 में से 160 क्रय केन्द्र शुरू कर दिए गए हैं, जिनके माध्यम से अब तक 7787 मी. टन सेब की खरीद की गई है.

बागवानी मंत्री ने कहा कि स्विटजरलैंड की एक निजी के साथ 112.320 मी. टन एप्पल जूस बिक्री के लिए अनुबंध किया गया है, जिसके तहत अभी तक कंपनी को 44.280 मी.टन जूस भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज काॅरपोरेशन एवं वीटा के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अन्तर्गत हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज काॅरपोरेशन एक वर्ष के भीतर हरियाणा राज्य में दो हजार खुदरा स्टोर खोलेगा, जिससे एचपीएमसी के उत्पादों की बिक्री में वृद्वि होगी. उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने 100 प्रतिशत प्राकृतिक एप्पल जूस का एक लीटर टैट्रापैक बाजार में उतारा है.

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Last Updated : Aug 26, 2021, 9:49 PM IST

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