शिमला: किन्नौर जिले को सेब विकास के लिए क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा. इस कार्य पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और एचपीएमसी को क्लस्टर विकास एजेंसी का कार्य सौंपा गया है. यह बात बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने गुरुवार को आयोजित एचपीएमसी बीओडी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
कार्यक्रम के तहत पूर्व फसल उत्पादन कार्यकलापों पर बल दिया जाएगा, जिसके अंतर्गत मृदा परीक्षण, पत्ता विश्लेषण, प्लांट हेल्थ क्लीनिक सुविधाएं स्थापित की जाएगी. उत्पादन के तौर-तरीके जैसे उच्च घनत्व पौध रोपण, एकीकृत रोग कीट प्रबंधन कार्य किए जांएगे और फसल उत्पादन, पैकिंग हाऊस, प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जाएंगी. इसके अलावा विपणन के क्षेत्र में कार्य किए जाएंगे, जिनमें मार्केट यार्ड, अपग्रेडेशन, विपणन के नए चैनल स्थापित करना और किन्नौर की ब्रांडिग पर विपणन को बढ़ावा देना शामिल है. इन कार्यों के लिए कृषक उत्पादक समूह का गठन भी किया जाएगा.
महेंद्र सिंह ने कहा कि 600 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी वाले किन्नौर जिले में 10,400 हेक्टेयर भूमि पर सेब की बागवानी की जा रही है. प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर जिला मंडी के जड़ोल व सोलन के जाबली में एचपीएमसी के उत्पादों की बिक्री के लिए विक्रय केंद्र निर्मित किए जा रहे हैं. राज्य सरकार की कुंडली स्थित भूमि एवं कोलकाता में एचपीएमसी की भूमि पर पीपीपी मोड पर विकास कार्य आरम्भ किए जाएंगे. जड़ोल, टिक्कर और शिमला जिले में एचपीएमसी द्वारा पेट्रोल पंप (किसान सेवा केंद्र) भी स्थापित किए जाएंगे.