शिमला: हिमाचल में चुनाव परिणाम निकलने के 1 माह बाद कैबिनेट विस्तार हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की टीम में 7 नए सदस्य जुड़े, लेकिन जिस जिले से सत्ता का रास्ता निकलता है, वो अनदेखा रह गया. सबसे बड़े जिला कांगड़ा ने कांग्रेस की झोली में 10 सीटें डाली हैं. वहीं, कैबिनेट विस्तार में कांगड़ा के हिस्से केवल 1 मंत्री पद आया है .(Kangra ignored in Himachal cabinet)
अनार एक तलबगार अनेक: यहां ब्राह्मण नेता सुधीर शर्मा, दलित वर्ग से संबंध रखने वाले यादवेंद्र गोमा, राजपूत नेता भवानी पठानिया और कद्दावर नेता स्व. जीएस बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली मंत्री पद के दावेदार थे, परंतु ओबीसी नेता चंद्र कुमार ही जगह बना सके. अब कांगड़ा जिले की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जल्दी कुछ करना होगा. यदि कैबिनेट विस्तार का दूसरा चरण पूरा करना पड़ा तो 3 मंत्री और बनेंगे. इस विस्तार में हमीरपुर से राजेंद्र राणा, आईडी लखनपाल और बिलासपुर से राजेश धर्माणी को भी एडजस्ट करना पड़ेगा. यानी अनार एक है और तलबगार अनेक.
सीएम राजनीतिक कौशल की परीक्षा: ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक कौशल की परीक्षा होगी. वहीं, सोमवार को शिमला में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कार्यभार संभाला. इस अवसर पर उन्होंने कांगड़ा का जिक्र किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे जल्द ही कांगड़ा का दौरा करेंगे. उन्होंने कांगड़ा के साथ अपने पिता वीरभद्र सिंह के लगाव का जिक्र किया. साथ ही कहा कि वे पिता की सीख पर चलेंगे. (CM will convince angry leaders of Kangra)