शिमला: भारत-चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है. दोनों देशों के सेना अधिकारी लगातार वार्ता कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. एक तरफ लोग चाइनीज सामान का बहिष्कार कर रहे हैं. तो वहीं भारत में रह रहे चीनी लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
चीनी मूल के भारतीय जॉन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जॉन शिमला में जूतों की दुकान के मालिक हैं और वे दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं.शिमला में ब्रिटिशकाल से ही माल रोड पर तीन से चार दुकानें चीन मूल के व्यपारियों की हैं. कई दशक पहले इनके पूर्वज यहां आए थे और अब भारत इनकी रग-रग में बस गया है. अब ये खुद को भारतीय ही मानते हैं. ये भी यही चाहते हैं कि भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद जल्द सुलझ जाएं.
शिमला के मालरोड पर स्थित जूतों की दुकान चलाने वाले जॉन मूल रूप से चीन के हैं. उनका कहना है कि सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद शांत होना चाहिए. जॉन के पूर्वज भले ही चीन से आए हों, लेकिन उन्हें आज तक यहां किसी भी भेदभाव का शिकार नहीं होना पड़ा.