शिमला:हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में जेबीटी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के बाद अब जेबीटी ही प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैनात किए जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) की नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया है, जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को भी प्राइमरी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए पात्र माना गया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया था, जहां आज जीबीटी के पक्ष में यह फैसला आया.
हालांकि प्रदेश के स्कूलों में जेबीटी ही अभी तक पांचवी तक कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाते रहे हैं, लेकिन 2018 के एनसीटीई की नोटिफिकेशन में बीएड डिग्री धारकों को भी इन पदों पर पात्र माना गया था. इसके कारण प्रदेश में जेबीटी भर्ती पर विवाद शुरु हो गया. हिमाचल में भी शिक्षा विभाग ने बीएड डिग्री धारकों को भी जेबीटी की भर्ती के लिए पात्र मानते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर की थी.
हालांकि यह मामला हाई कोर्ट में पहले गया जहां सरकार ने इन भर्तियों में जेबीटी का पक्ष रखा. इसके बाद यह मामला यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. वहीं, राजस्थान से भी यही मामला पहले सुप्रीम कोर्ट गया था जहां बीएड डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति के लिए पात्र मानने के आदेशों को चुनाती की दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज एनसीटीई की 2018 की नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है और जेबीटी को ही प्राइमरी स्कूलो में नियुक्ति के लिए पात्र माना है. इसके बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है और प्राइमरी स्कूलों में जेबीटी की नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है.