शिमलाः प्रदेश के बीएड धारकों को जेबीटी भर्ती के लिए मान्यता देने के फैसले का प्रदेश जेबीटी बेरोजगार संघ लगातार विरोध जता रहे हैं. संघ बार-बार यही मांग कर रहा है प्रेदश में बीएड को जेबीटी भर्ती में मान्यता न दी जाए और जेबीटी बेरोजगारों की फौज न खड़ी की जाए.
अपनी इसी मांग को लेकर संघ के सदस्यों ने बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल से मुलाकात की. संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा निदेशक के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा कि शिक्षा विभाग जेबीटी बेरोजगारों का ध्यान रखे और बीएड धारकों को जेबीटी भर्ती में मान्यता न दे. शिक्षा निदेशक ने संघ के सदस्यों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों को मानकर जेबीटी प्रशिक्षुओं को राहत दी जाएगी.
प्रदेश के जेबीटी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 20 हजार जेबीटी डिप्लोमा धारक है और अब जेबीटी में बीएड धारकों को मान्यता देने से इन बेरोजगारों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. बीएड को अगर जेबीटी में मान्यता दी जाती है तो इससे 50 फीसदी बैचवाइज में उन्हीं का नंबर आएगा और जेबीटी प्रशिक्षु बेरोजगार रह जाएंगे. बीएड का 1999 और 2000 का बैच चल रहा है, जबकि जेबीटी का 2008-10 का बैच चल रहा है. ऐसे में अगर बीएड को जेबीटी भर्ती में शामिल किया जाता है तो उनका नंबर पहले आएगा .