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Jal Jeevan Mission: हिमाचल में हर घर नल-हर घर जल का सपना हुआ साकार, ऐसा करने वाला देश का पहला पहाड़ी राज्य बना

जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल हर घर जल में हिमाचल प्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा पहाड़ी राज्य बन गया है. जहां लगभग हर घर में नल लगा हुआ है. कठीन भौगोलिक परिस्थितियों को मात देते हुए हिमाचल में हर घर तक पानी पहुंचाया गया है. (Jal Jeevan Mission in Himachal Pradesh)

Jal Jeevan Mission in Himachal Pradesh.
हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन.

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Published : Aug 3, 2023, 5:03 PM IST

Updated : Aug 6, 2023, 2:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश देश का एक ऐसा पहाड़ी राज्य बन गया है जहां लगभग हर घर में नल लगा हुआ है. हिमाचल में कुल 17.08 लाख घरों को पीने का पानी नलों के जरिए से पहुंचाया गया है. प्रदेश के लिए कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हर घर में पीने का पानी पहुंचाना बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. ये जानकारी हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग द्वारा दी गई है.

हिमाचल की बड़ी उपलब्धि: गौरतलब है कि 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी. जिसके तहत साल 2024 तक देश के सभी घरों को घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. हिमाचल प्रदेश ने समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल करते हुए पेयजल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. हिमाचल ने देश में शीर्ष 9 राज्यों में अपना स्थान बनाया है. जल जीवन मिशन में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर स्वच्छ पेयजल नल के द्वारा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया. हिमाचल प्रदेश ने कार्यक्षमता मूल्यांकन और पेयजल गुणवत्ता में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर केंद्र से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त की.

फाइल फोटो.

हिमाचल में 1708727 घरों में है नल: हिमाचल प्रदेश में कुल 1708727 घर हैं. इन सभी घरों में जल जीवन मिशन के तहत साफ पानी नलों के माध्यम से पहुंचाया गया है. बिलासपुर जिला में 100451, चंबा में 121658, हमीरपुर में 112534, किन्नौर में 22,763. कुल्लू में 113905, मंडी में 308119, शिमला में 172226, सोलन में 113519, कांगड़ा में 400102, लाहौल स्पीति में 7284 और सिरमौर जिला में 121917 घर व ऊना जिले में 114209 घर हैं, इन सभी घरों में पीने के पानी के नल लगे हुए हैं.

हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन.

5757 करोड़ की 1742 योजनाएं मंजूर:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति द्वारा प्रदेश में कुल 1742 योजनाएं मंजूर की गई हैं, जिनकी अनुमानित राशि 5757.79 करोड़ रुपये है. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है. इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों, महत्वाकांक्षी जिले और सांसद आदर्श ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी गई है.

फाइल फोटो.

पेयजल गुणवत्ता के लिए 69 लेबोरेटरी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 69 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई है. इसके अलावा प्रत्येक गांव को पानी की जांच के लिए फील्ड टेस्ट किट वितरित किए गए हैं. जिसके माध्यम से लोग अपने गांव में ही पानी की नियमित जांच करवा सकते हैं.

हजारों युवाओं को IPH ने दी ट्रेनिंग: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि जल शक्ति विभाग की ओर से कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से 14,200 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. जो युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के साथ-साथ पेयजल योजनाओं के रखरखाव एवं प्रबंधन में भी मददगार साबित होगा. युवाओं को सशक्त करने के लिए और योजना व विकास संबंधी कार्यों में उनकी सहभागिता के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा सिविल, इलैक्ट्रिकल, मैकेनिकल या बहुतकनीकी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी ट्रेनिंग दी जा रही है, इसके साथ ही हर महीने 5000 रुपये की स्कॉलरशिप भी दी जा रही है.

फाइल फोटो.

पंचायतों के अधीन 49 पेयजल परियोजनाएं: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में 49 ग्रामीण पेयजल योजनाएं संचालन और रखरखाव के लिए पूर्ण रूप से ग्राम पंचायतों को सौंप दी गई है. प्रदेश के 28,600 पंचायत प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग दी गई है. इसके अलावा ग्रामीण पेयजल योजनाओं के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए 22,562 ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भी ट्रेनिंग दी गई है.

हिमाचल में जल जीवन मिशन.

हर परिस्थिति के लिए तैयार रहता है IPH: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में बरसात के दौरान जल स्रोतों में गाद भरने, बर्फबारी के दौरान पाइप लाइन टूटने और अन्य बाधाओं से निपटने के लिए जल शक्ति विभाग तैयार रहता है. जनता को गुणवत्तापूर्ण पानी की स्थिरता और पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी सुनिश्चित करना है. जिसके लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की बैक एंड योजनाएं चलाई जा रही हैं.

फाइल फोटो.

प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि स्रोतों के पुनर्भरण के लिए और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए चैकडैम और जोहड़ बनाए जा रहे हैं. वर्षा जल संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. बिजली आपूर्ति में बाधा से निपटने के लिए सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं का संचालन शुरू किया गया है. बर्फीले क्षेत्रों में बिना किसी बाधा के जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत एंटी फ्रीज तकनीक से योजनाएं बनाई जा रही हैं. सीएम ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और संरक्षण के लिए बावड़ियों, चश्मों और अन्य स्रोतों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

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Last Updated : Aug 6, 2023, 2:26 PM IST

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