शिमला:सोलन के परवाणू में हुए केबल कार हादसे के बाद रोपवे संचालन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस हादसे के बाद रोप वे कंपनियों के संचालकों को सुरक्षा बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. राजधानी शिमला में भी जाखू मंदिर तक रोपवे है, रोजाना सैकड़ों सैलानी और स्थानीय लोग जाखू मंदिर, रोपवे के माध्यम से जाते हैं. जाखू रोपवे में सुरक्षा के अचूक इंतजामात हैं. रोपवे के संचालकों के पास हमेशा सुरक्षा के बैकअप इंतजाम रहते हैं. यहां नियमित अंतराल के बाद सुरक्षा की समीक्षा होती है. संचालक जरूरत पड़ने पर रोपवे में सुरक्षा व्यवस्था का लाइव डेमो भी देते हैं. इसके अलावा ट्रॉली को रवाना करने से पहले पूरी तरह से ट्रैक की चैकिंग की जाती है.
बता दें कि जाखू रोपवे की लंबाई 400 मीटर से अधिक है. यहां रोपवे पर (Jakhu Ropeway Shimla) कुल चार ट्रॉलियां संचालित की जाती हैं. शिमला आने वाले सैलानी जाखू की चोटी पर प्राचीन हनुमान मंदिर तक जाने के लिए इस रोमांचकारी सफर का आनंद लेते हैं. जाखू में प्राचीन मंदिर के साथ ही एशिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा भी (Shri Hanuman Mandir Jakhu) मौजूद है. ऐसे में सैलानी रोपवे का सफर कर मंदिर पहुंचते हैं. हाल ही शिमला दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्रॉली के जरिए ही जाखू मंदिर तक का सफर किया था.
शिमला में जाखू रोपवे लंबे अरसे से संचालित किया जा रहा है. वैसे तो ये रोपवे शिमला के टूटीकंडी बस अड्डे से जाखू तक प्रस्तावित था और इसकी उंचाई 3600 मीटर है, लेकिन अभी इसे यूएस क्लब के पास से जाखू तक संचालित किया जा रहा है. रोपवे की कुल लंबाई चार सौ मीटर से अधिक है. इस समय शिमला में समर टूरिस्ट सीजन जोरों पर है. यहां रोपवे के लिए प्रतिदिन दो सौ से अधिक टिकट बुक हो रहे हैं. सैलानी इस सफर का आनंद उठा रहे हैं और सुरक्षा इंतजामों से भी संतुष्ट हैं.