शिमला: लगेज पॉलिसी मामले में रोडवेज कर्मियों को बर्खास्त करने को लेकर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा हिमाचल सरकार द्वारा लाई गई लगेज पॉलिसी हर लिहाज से जन विरोधी थी. एचआरटीसी का उद्देश्य प्रदेश के लोगों की सेवा करना है. यह आम लोगों के परिवहन का साधन है. सरकार ने लगेज पॉलिसी मामले में एचआरटीसी के दो परिचालकों को बर्खास्त कर दिया. यह सरकार का तानाशाही भरा दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है. इस फैसले को सरकार को वापस लेना होगा.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में किसी काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. तानाशाही से सरकार चलाना चाह रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी स्वावलंबन ई-टैक्सी योजना शुरू करने की घोषणा कर दी गई और इसके लिए नियम भी बना दिए गए. इस योजना के लिए आवेदन करने की पात्रता उम्र 20 से 45 वर्ष है और आवेदक के पास कम से कम 7 साल का ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है. जब ड्राइविंग लाइसेंस बनने की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है. यदि 7 साल का ड्राइविंग लाइसेंस और जोड़ दिया जाए तो आवेदक की न्यूनतम उम्र 25 साल हो जाएगी, लेकिन सरकारी नियमों में आवेदक की उम्र सीमा 20 से 45 साल रखी गई है. जो अपने आप में हास्यास्पद है.
वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा सरकार जिला परिषद कर्मियों की मांगे पूरी करने की बजाय, उन्हें धमका रही है. कार्रवाई की तैयारी कर रही है. जब चुनाव का समय था तो सरकार बनते ही हर मांग पूरी करने का वादा कर रहे थे. अब जब झूठ बोलकर सरकार बन गई है तो, महीनों से धरने पर बैठे जिला परिषद कर्मियों के मसले को हल करने के बजाय तानाशाही का तरीका अपनाना चाह रही है. लोकतंत्र में चुनावी वादों के साथ झूठ बोलकर सरकार बनाने वालों से सरकार का यह तानाशाही भरा रवैया हम चलने नहीं देंगे.