शिमला:हिमाचल में दिसंबर 2017 में सियासी तौर पर एक नया चेहरा सामने आया. दशकों से हिमाचल की राजनीति की धुरी बने दिग्गज नेता चुनाव हार गए और सत्ता में आई भाजपा ने जयराम ठाकुर को हिमाचल का नया मुख्यमंत्री बनाया. वर्ष 2018 में जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपना पहला बजट पेश किया.अब भाजपा सरकार को सत्तासीन हुए चार वर्ष से अधिक समय हो गया.अगले महीने चार मार्च को जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश (Jairam will present budget in March)करेंगे.
शुक्रवार 9 मार्च 2018 को जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के रूप में पहला बजट पेश किया था. इस बजट का आकार 41,440 करोड़ का था. ये बजट पूर्व में सत्तासीन रही वीरभद्र सिंह सरकार के आखिरी बजट से आकार में 5657 करोड़ रुपए अधिक था. तब 2018-19 के अंत तक प्रदेश को कुल 3168 करोड़ का राजस्व घाटा होने का अनुमान था और उस दौरान 30 हजार, 4 सौ करोड़ की राजस्व प्राप्तियों के मुकाबले 33,568 करोड़ का राजस्व व्यय अनुमानित था. कुल 41, 440 करोड़ रुपए के बजट में से 11263 करोड़ रुपए तो सरकारी कर्मियों के वेतन पर ही खर्च होने थे. इसके अलावा पेंशन पर सरकार को 5893 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े थे. जयराम सरकार को पहले से लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी पर 4260 करोड़ रुपए देने थे. इसके अलावा लोन की वापसी पर उस वित्तीय वर्ष में 3184 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. इसके अलावा अन्य लोन के भुगतान पर जयराम सरकार को 448 करोड़ रुपए की रकम खर्च करनी पड़ी थी.
गांव-गाय और खेती-बागवानी पर केंद्रित था सीएम जयराम का पहला बजट- सीएम जयराम ने अपने पहले बजट में मुख्य रूप से ये गांव, गाय, किसान-बागवान व रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया था. किसानों को बिजली पर 25 पैसे प्रति यूनिट उपदान का ऐलान किया गया तो एंटी हेल गन पर बागवानों को 60 फीसदी तक उपदान की घोषणा की गई. साथ ही एंटी हेल नेट व सोलर फेंसिंग योजनाओं को लेकर भी सरकार ने बड़ी घोषणाएं की थी. बजट में स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने व युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू करने का जिक्र था.
इस योजना के तहत प्रदेश के 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को सुविधाएं देने का ऐलान किया गया था. उद्योग में 40 लाख तक के निवेश पर संयंत्र मशीनरी के निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजी उपदान दिया गया. युवतियों, महिलाओं को निजी उद्यम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निवेश पर 30 प्रतिशत उपदान का ऐलान था. साथ ही 40 लाख रुपए के लोन पर 3 वर्ष के लिए पांच प्रतिशत ब्याज उपदान की घोषणा की गई.
तब सीएम ने ऐलान किया था कि सरकारी भूमि को एक प्रतिशत की दर पर पट्टे पर दिया जाएगा. पट्टे पर भूमि देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. युवा अगर निजी भूमि खरीदना चाहता है तो स्टांप ड्यूटी को वर्तमान 6 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत की दर रहेगी. इस योजना के लिए 80 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया. सीएम के अनुसार प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं हैं, लेकिन सेवा व व्यापार क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के अलावा रोजगार एवं कौशल विकास के लिए कोई योजना नहीं है.
इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के मकसद से एक नई योजना मुख्यमंत्री युवा आजीविका योजना शुरू करने की घोषणा की गई. इसमें खुदरा व्यापार, दुकान, रेस्टोरेंट, टूअर ऑपरेटर, साहसिक पर्यटन, परंपरागत शिल्प इत्यादि कार्य शामिल होंगे. इस योजना के तहत 18 से 35 साल के बीच के हिमाचली युवाओं को तीन तरह के प्रोत्साहन दिए जाएंगे. पहला 30 लाख तक की राशि तक, भूमि व मकान को छोड़कर किए निवेश पर 25 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा.
वहीं, महिला उद्यमियों के लिए उपदान 30 प्रतिशत होगा. दूसरा 30 लाख तक के लोन पर तीन साल के लिए पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा. तीसरा, व्यापार व सेवा कार्य आरंभ करने को लेकर भूमि और भवन की खरीद पर स्टांप ड्यूटी तीन प्रतिशत की दर से ली जाएगी. इस योजना के लिए बजट में 75 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान प्रस्तावित है. जयराम सरकार इस वित्तीय वर्ष में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 77 करोड़ रुपए तय करेगी. जयराम सरकार बैंकों के साथ संयुक्त रूप से ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में ऐसे पाठ्यक्रम लागू करेगी.