शिमला:काम करने वाले मंत्रियों और विधायकों को ही अगले चुनाव में टिकट मिलेगा. जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों को आगामी चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए हाईकमान की कसौटी पर खरा उतरना होगा. मंत्रियों को केवल अपने ही निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना होगा. उन्हें पूरे प्रदेश में अपने विभाग से जुड़े विकासात्मक प्रोजेक्ट्स का लाभ पूरे प्रदेश की जनता तक पहुंचाना होगा.
इसके अलावा विधायकों को भी अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ नियमित संपर्क के आदेश दिए गए हैं. शिमला में कोर ग्रुप की मीटिंग के बाद धर्मशाला में राष्ट्रीय संगठन मंत्री के साथ अन्य नेताओं की दो दिवसीय मीटिंग में आने वाले समय में प्रदेश भाजपा का रोडमैप तैयार किया गया है.
मंत्रियों को तो अपने निर्वाचन क्षेत्र के अलावा पूरे प्रदेश का दौरा करने के निर्देश हैं ही, विधायकों को भी अपने कार्यों का ब्यौरा तैयार कर आलाकमान को देना होगा. इसमें ये देखा जाएगा कि किस विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कितना जनसंपर्क किया और कोरोना संकट के इस समय में जनता के साथ कैसा संवाद कायम किया है. कुल मिलाकर बात ये है कि पार्टी हाईकमान अकर्मण्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी.
जयराम सरकार के पास है रिपीट करने का मौका
हिमाचल में भाजपा का सपना सरकार को रिपीट करने का है. ये सपना पूर्व में प्रेम कुमार धूमल की सरकार के समय देखा गया था. उस समय स्थिति ऐसी थी कि सरकार रिपीट हो सकती थी, परंतु भाजपा कांगड़ा का किला फतह नहीं कर पाई. अब जयराम सरकार के पास ये मौका है.
कारण ये है कि संगठन के तौर पर कांग्रेस पहले जैसी मजबूत नहीं है. वीरभद्र सिंह अपनी सेहत के कारण सक्रिय नहीं हैं. वीरभद्र सिंह की छत्रछाया के बिना कांग्रेस के लिए ये चुनाव मुश्किल होगा. फिर कांग्रेस में गुटबाजी भी खूब है. हालांकि भाजपा के लिए भी मुश्किलें कम नहीं हैं.
कुल्लू प्रकरण के बाद धर्मशाला के विधायक का घरेलू मामला पार्टी के लिए चिंता का विषय है, लेकिन संगठन के तौर पर भाजपा अपने विरोधी दल कांग्रेस के मुकाबले अच्छी स्थिति में है. पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद धर्मशाला मीटिंग में इन्हीं मसलों पर मंथन हुआ है.