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कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों की परफॉर्मेंस परखेगा हाईकमान, टिकट के लिए कसा जाएगा कसौटी पर - हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022

जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों को आगामी चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए हाईकमान की कसौटी पर खरा उतरना होगा. मंत्रियों को तो अपने निर्वाचन क्षेत्र के अलावा पूरे प्रदेश का दौरा करने के निर्देश हैं ही, विधायकों को भी अपने कार्यों का ब्यौरा तैयार कर आलाकमान को देना होगा.

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Published : Jun 28, 2021, 10:56 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 11:02 PM IST

शिमला:काम करने वाले मंत्रियों और विधायकों को ही अगले चुनाव में टिकट मिलेगा. जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों को आगामी चुनाव में टिकट हासिल करने के लिए हाईकमान की कसौटी पर खरा उतरना होगा. मंत्रियों को केवल अपने ही निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना होगा. उन्हें पूरे प्रदेश में अपने विभाग से जुड़े विकासात्मक प्रोजेक्ट्स का लाभ पूरे प्रदेश की जनता तक पहुंचाना होगा.

इसके अलावा विधायकों को भी अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता के साथ नियमित संपर्क के आदेश दिए गए हैं. शिमला में कोर ग्रुप की मीटिंग के बाद धर्मशाला में राष्ट्रीय संगठन मंत्री के साथ अन्य नेताओं की दो दिवसीय मीटिंग में आने वाले समय में प्रदेश भाजपा का रोडमैप तैयार किया गया है.

मंत्रियों को तो अपने निर्वाचन क्षेत्र के अलावा पूरे प्रदेश का दौरा करने के निर्देश हैं ही, विधायकों को भी अपने कार्यों का ब्यौरा तैयार कर आलाकमान को देना होगा. इसमें ये देखा जाएगा कि किस विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कितना जनसंपर्क किया और कोरोना संकट के इस समय में जनता के साथ कैसा संवाद कायम किया है. कुल मिलाकर बात ये है कि पार्टी हाईकमान अकर्मण्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी.

जयराम सरकार के पास है रिपीट करने का मौका

हिमाचल में भाजपा का सपना सरकार को रिपीट करने का है. ये सपना पूर्व में प्रेम कुमार धूमल की सरकार के समय देखा गया था. उस समय स्थिति ऐसी थी कि सरकार रिपीट हो सकती थी, परंतु भाजपा कांगड़ा का किला फतह नहीं कर पाई. अब जयराम सरकार के पास ये मौका है.

कारण ये है कि संगठन के तौर पर कांग्रेस पहले जैसी मजबूत नहीं है. वीरभद्र सिंह अपनी सेहत के कारण सक्रिय नहीं हैं. वीरभद्र सिंह की छत्रछाया के बिना कांग्रेस के लिए ये चुनाव मुश्किल होगा. फिर कांग्रेस में गुटबाजी भी खूब है. हालांकि भाजपा के लिए भी मुश्किलें कम नहीं हैं.

कुल्लू प्रकरण के बाद धर्मशाला के विधायक का घरेलू मामला पार्टी के लिए चिंता का विषय है, लेकिन संगठन के तौर पर भाजपा अपने विरोधी दल कांग्रेस के मुकाबले अच्छी स्थिति में है. पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद धर्मशाला मीटिंग में इन्हीं मसलों पर मंथन हुआ है.

मतभेद रखो, पर मनभेद नहीं चलेंगे

धर्मशाला (Dharamshala) की मीटिंग में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और उपाध्यक्ष सौदान सिंह ने मंत्रियों, विधायकों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों से साफ कहा है कि आपस में मतभेद चलेंगे, लेकिन मनभेद बर्दाश्त नहीं होंगे. सभी को एकजुट होकर मिशन रिपीट का सपना पूरा करना है.

सरकार को भी सलाह दी गई है कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए. सरकार व संगठन में तालमेल के लिए निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ये भी संकेत दिए गए हैं कि आगामी चुनाव जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) की अगुवाई में ही होंगे.

विकास किया है तो जनता तक पहुंचाओ

मीटिंग में हाईकमान का संदेश साफ था. सरकार के विकास कार्यक्रमों का प्रचार भी पुरजोर तरीके से होना चाहिए. इस प्रचार के लिए विज्ञापन को माध्यम बनाने की बजाय मंत्री, विधायक और संगठन के लोगों को आगे बढक़र काम करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं का जनता को लाभ दिलाने के लिए दूरस्थ इलाकों तक में कार्यकर्ता और पार्टी के पदाधिकारी शिविर भी लगा सकते हैं.

इसके अलावा जागरुकता कार्यक्रमों पर भी फोकस करने को कहा गया है. पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप का कहना है कि भाजपा 2022 में भी सरकार बनाएगी. संगठन और सरकार मिल कर राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएगी.

सुरेश कश्यप का कहना है कि पार्टी न केवल तीनों उपचुनाव जीतेगी, बल्कि 2022 में भी भारी बहुमत से सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि धर्मशाला की बैठक में आगामी रोडमैप पर चर्चा की गई है और पार्टी के सभी कार्यकर्ता उत्साह के साथ मिशन रिपीट के लिए तैयार हैं.

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Last Updated : Jun 28, 2021, 11:02 PM IST

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