शिमला: वैसे तो हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कर्मचारी वर्ग सबसे बड़ा वोट बैंक (government employees in himachal pradesh) है, लेकिन चुनावी साल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने समाज के अन्य वर्गों पर मेहरबानी की है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में कुल 51365 करोड़ का बजट पेश किया है. मिशन रिपीट के लिए जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र के लिए सौगातें दी हैं. इसके अलावा दिहाड़ीदारों से लेकर चौकीदार और पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर नगर निकाय प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया है. यानी चौकीदार से लेकर मेयर तक व जिला परिषद अध्यक्ष से लेकर पंचायत प्रधान तक का मानदेय बढ़ाकर सरकार ने जनप्रतिनिधियों को खुश किया है.
मध्यमवर्ग व निम्न मध्यमवर्ग को बड़ी राहत:वहीं, बुजुर्गों के लिए पेंशन की आय सीमा को सत्तर साल से सीधे साठ साल करने से भाजपा सरकार ग्रामीण इलाकों में बुजुर्गों के वोट साधेगी. प्रदेश में अब विभिन्न वर्गों के पेंशन के पात्र लोगों की संख्या साढ़े सात होगी. इसमें चालीस हजार नए आवेदन इसी साल और मंजूर किए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने गृहिण सुविधा योजना के तहत नए गैस कनेक्शन पर तीन सिलेंडर निशुल्क देने का ऐलान किया है. बीमारी की हालत में हिमकेयर योजना के कार्ड का नवीकरण अब तीन साल बाद होगा. इसके साथ हिमकेयर कार्ड के लिए साल भर किसी भी समय आवेदन किया जा सकेगा. इस घोषणा से सरकार ने मध्यमवर्ग व निम्न मध्यमवर्ग को बड़ी राहत दी है.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आय सीमा घटी: सरकार ने दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी अब 350 रुपए कर दी है. इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आय सीमा घटाने के साथ सभी तरह के पात्र पेंशन पाने वालों की पेंशन बढ़ाई है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के तौर पर पहली कैबिनेट मीटिंग में ही जयराम ठाकुर ने पेंशन की आय सीमा को अस्सी साल से घटाकर सत्तर साल किया था. अब उसे साठ साल कर दिया गया है. पेंशन का लाभ निम्न मध्यम वर्ग को अधिक होता है. निश्चित तौर पर भाजपा इसे वोट बैंक के रूप में देख रही है.
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई वादा नहीं:कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें ओल्ड पेंशन दी जाए. इस मांग को लेकर बजट से एक दिन पहले जिस तरह का प्रदर्शन हुआ और एनपीएस कर्मचारी महासंघ के बैनर तले विधानसभा को घेरा गया, उससे सरकार और कर्मचारियों में टकराव पैदा हुआ. सरकार अपने रुख पर अड़ी रही. बजट में भाजपा सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई वादा नहीं किया है. इसके उल्ट सरकार ने समाज के उन वर्गों को छुआ है, जिन्हें अब तक अपेक्षाकृत कम अधिमान दिया जाता था.
इन्हें मिली सौगात: उदाहरण के लिए सरकार ने पंचायत चौकीदारों, नंबरदारों, पंप ऑपरेटर्स, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, सिलाई अध्यापिकाओं, राजस्व चौकीदारों सहित चंबा व लाहौल स्पीति में सुरक्षा कार्य में लगे एसपीओ का मानदेय बढ़ाया है. सरकार कर्मचारियों की नाराजगी का तोड़ ऐसे वर्गों को राहत देकर निकालना चाहती है. इसके साथ ही मिड डे मील वर्कर्स, जलशक्ति विभाग के मल्टी पर्पज वर्कर, पैरा फिटर, जल रक्षकों, शिक्षा विभाग के वाटर कैरियर्स का मानदेय भी बढ़ाया गया है.
एसएमसी अध्यापकों को नौकरी से न हटाने का ऐलान:यदि सरकार व संगठन मिलकर चुनावी साल में इन घोषणाओं को जन-जन तक ले जाकर वोट में तब्दील कर पाएं तो मिशन रिपीट के आसार बन सकते हैं. सरकार ने एसएमसी अध्यापकों को नौकरी से न हटाने का ऐलान कर उनका भरोसा जीतने की कोशिश की है. प्रदेश में ढाई हजार एसएमसी अध्यापक हैं. उनके लिए नीति बनाने पर विचार करने का आश्वासन भी बजट में दिया गया है. इसके अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन (Himachal Budget announcements for employees) भी साढ़े दस हजार रुपए कर दिया गया है. इस समय प्रदेश में 50 हजार के करीब आउटसोर्स कर्मचारी हैं.