शिमला: हिमाचल सरकार भांग की खेती को वैध बनाने की दिशा में काम कर रही है. हिमाचल में बिना नशे वाले भांग की खेती होगी, जिसके लिए बाकायदा लोगों को लाइसेंस दिए जाएंगे. भांग की खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. इसमें भांग की खेती के तौर तरीकों और इसके कानूनी पहलुओं का ब्यौरा भी होगा. कमेटी ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का दौरा कर वहां भांग की खेती और इससे संबंधित कानूनी पहलुओं का विस्तृत अध्ययन किया है. कमेटी ने इसको लेकर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भी विस्तृत चर्चा कर उनकी आशंकाओं को भी दूर किया है.
भांग की खेती को पंचायती राज संस्थाओं का समर्थन:कमेटी के अध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने बताया कि कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. उन्होंने कहा कि कमेटी ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड का दौरा कर वहां भांग की खेती के बारे में जानकारी ली है. इन जगहों पर किस तरह से भांग का औषधीय और औद्योगिक इस्तेमाल हो रहा है, उसकी जानकारी कमेटी ने ली है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों व अन्य लोगों से भी भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने को लेकर चर्चा की गई है. हालांकि जन प्रतिनिधियों ने भांग की खेती का विरोध नहीं किया, लेकिन उनकी नशे को लेकर आशंकाएं थीं, जिनको दूर कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों का दौरा करने के बाद कमेटी एक माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी.
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हिमाचल में होगी बिना नशे वाली भांग की खेती: जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल में अभी तक जो भांग उग रही है, वो जंगली किस्म की है जो कि नशीली होती है, लेकिन हिमाचल में भांग की जिस खेती की बात की जा रही है वो बिना नशे की होगी. यह भांग केवल औषधीय और औद्योगिक इस्तेमाल की होगी, जिसमें नशा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इसकी खेती से उल्टा नशे वाली भांग में कमी आएगी.