शिमला:अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शिमला के पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल भी समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस मौक पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि 21 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए और जिला स्तरीय पुरस्कारों की राशि पांच हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को दिशा देने में महिलाओं का सदैव ही अहम योगदान रहा है. महिलाएं माता, बेटी, पत्नी और बहन के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करती हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू से लेकर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महिलाओं को नेतृत्व करने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय फलक पर अलग पहचान बनाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिभा पाटिल देश की प्रथम राष्ट्रपति बनीं और आज द्रौपदी मुर्मु इस पद को सुशोभित कर रही हैं. यह सभी विभूतियां महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
पीटरहॉफ में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस. मुख्यमंत्री सुखविंदर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सशक्तिकरण से आगे बढ़कर उनके भीतर छिपी प्रतिभा को सम्मान देने का अवसर है. किसी भी कालखंड में सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं का सर्वाधिक योगदान रहा है. राजीव गांधी ने पंचायतों और स्थानीय निकायों में आरक्षण की व्यवस्था की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने सदैव ही महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण एवं उन्हें सम्मान देने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं एवं नीतियां बनाई हैं.
तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं के लिए पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया. सोनिया गांधी के प्रयासों से लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक राज्य सभा में पारित करवाया गया है और लोकसभा में पारित होने के बाद यह निकट भविष्य में महिलाओं के लिए राज्य व राष्ट्र के स्तर पर अपनी सशक्त भूमिका निभाने का माध्यम बनेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को जीवंत रखने में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि 21 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए की. राज्य में महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना विकसित करने पर केंद्रित विभिन्न योजनाएं आरम्भ की जाएंगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और हमारे समाज में महिलाओं को उचित सम्मान की समृद्ध परम्परा है.उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए राज्य सरकार नई योजनाएं आरम्भ कर रही है. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सर्वप्रथम 101 करोड़ रुपए के मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष की स्थापना की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय कोष की वेबसाइट तथा हिम-पूरक पोषाहार पुष्टि एप का विधिवत शुभारंभ भी किया.
मुख्यमंत्री ने महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार से किया सम्मानित- मुख्यमंत्री ने डॉ. देव कन्या ठाकुर, संगीता खुराना और डॉ. अन्वेषा नेगी को हिमाचल प्रदेश महिला विकास प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके अतिरिक्त खेलों व अन्य क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के रचना कुमारी, माला भगती, रेखा तथागत, मंजू, बलजीत कौर और आंचल ठाकुर को सम्मानित किया. आयुषी भंडारी, रेणुका सिंह ठाकुर और सुमन को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है. इससे पहले, मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं इसमें गहरी रुचि दिखाई.
होली के कारण आज मनाया गया महिला दिवस- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि 8 मार्च को होली के त्यौहार को देखते हुए आज महिला दिवस मनाया गया. उन्होंने कहा कि हमारे देश में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है. हमारा संविधान भी महिलाओं को समानता का हक देता है. उन्होंने कहा कि हमें पुरूष प्रधान मानसिकता को छोड़ते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सार्थक प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने में भी समाज को एकजुट होना होगा.
इस दौरान ये लोग रहे मौजूद- इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर, विधायक नंद लाल एवं हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी गोपाल शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव एम. सुधा देवी, विभाग के निदेशक राहुल कुमार भी मौजूद रहे.
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