शिमला: आज के दौर में दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती उभर कर आई है, बड़ी संख्या में युवाओं का नशे में संलिप्त होना. युवा किसी भी देश का भविष्य होते हैं और ये ही भविष्य अंधकार की ओर अपने कदम बढ़ाता जा रहा है. 26 जून को इंटरनेशनल लेवल पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. युवाओं और किशोरों में बढ़ता नशे का प्रचलन गंभीर समस्या बनता जा रहा है. बड़ी संख्या में युवा नशे के कारोबार में शामिल हो रहा है. नशे की ओर युवाओं का बढ़ता रुझान किसी भी राज्य के पतन का कारण बनता है.
नशे के विरुद्ध सीएम ने दिलाई शपथ: इसी को लेकर रविवार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गेयटी थिएटर शिमला में नशे के विरुद्ध पुलिस विभाग के ‘प्रधाव’ अभियान के दौरान विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के प्रतिभागियों को नशे के विरुद्ध एकजुट प्रयासों की शपथ दिलाई और अभियान में आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं के पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता की. सीएम ने प्रदेश के साथ लगते पड़ोसी राज्यों से आ रहे नशीले पदार्थों संबंधित मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि हिमाचल सरकार इस समस्या से निपटने के लिए विशेष रणनीति तैयार कर रही है. उन्होंने नशीले पदार्थों के तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई पर बल दिया और युवाओं को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए जागरूकता अभियान बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स एक्ट को और कड़ा बनाने के लिए मामला केंद्र सरकार के सामने रखा गया है, ताकि नशा तस्करों और कारोबारियों की संपत्ति जब्त कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके.
राज्य में बनाए जा रहे रिहैबिलिटेशन सेंटर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास में सहायता के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में 2 अत्याधुनिक नशा मुक्ति सहरिहैबिलिटेशन सेंटरस्थापित का विचार किया है. 50 बीघा भूमि पर 1 सेंटर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए हर संभव कोशिश करेगी. राज्य सरकार नशीले पदार्थों की चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है.