शिमला: हिमाचल के राजनीतिक आकाश में अचानक चमकते सितारे के रूप में उभरे जयराम ठाकुर के साथ बेशक वीवीआईपी तामझाम चलता है, लेकिन उनकी माता की दिनचर्या अभी भी पहले की तरह सादगी से भरपूर हैं. सीएम जयराम ठाकुर की माता ब्रिकमू देवी का मन आज भी अपने खेत-बगीचों में खूब रमता है.
शिमला जिला से संबंध रखने वाले और सेब बागवानी से जुड़े दो युवा बागवान मनोज चौहान और कैलाश चौहान मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर के गांव तांदी पहुंचे थे. मनोज व कैलाश को भरोसा नहीं था कि वो सीएम जयराम ठाकुर के घर जाकर उनकी माता ब्रिकमू देवी से मिल सकेंगे, लेकिन गांव के लोग उन्हें वहां ले गए. दोनों युवा सीएम की माता की सादगी और स्नेह से भरे स्वागत से हैरान रह गए. उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब सीएम की माता ने अपने खेत-बगीचों को लेकर उनसे खूब बातें कीं.
मनोज व कैलाश चौहान ने सीएम की माता को ताइवान में बना हुआ स्टील का लाइटवेट दराट दिया. इस भेंट को पाकर ब्रिकमू देवी खूब खुश हुईं. ब्रिकमू देवी ने पूछा-बेटा, इस दराट की क्या कीमत है? वे कीमत चुका कर दराट लेना चाहती थीं, लेकिन मनोज चौहान ने कहा कि ये दराट वो उन्हें भेंट स्वरूप दे रहे हैं. इस लाइटवेट दराट से खुश सीएम की माता ने खेत में कुछ लकड़ियां काटीं.
ब्रिकमू देवी ने बताया कि उनकी दिनचर्या पहले की तरह ही है. वे खेतों में काम करके खुशी महसूस करती हैं. जब मनोज चौहान ने उन्हें सेब के पौधों की प्रूनिंग करने वाले औजार के बारे में बताया तो ब्रिकमू देवी ने बालसुलभ जिज्ञासा से पूछा कि सेब के पौधे की छोड़ो क्या ये मौहरू या बान (स्थानीय बोली में जलावन की लकड़ी वाले पेड़) के पेड़ की टहनियां काट सकता है? सीएम की माता को अधिक चिंता जलावन वाली लकड़ी की थी. भेंट किए गए लाइटवेट दराट से भी उन्होंने लकड़ी काट कर देखी और ये जानकर खुश हुई कि इससे वे आसानी से लकड़ी काट सकेंगी. साथ ही पशुचारे के लिए पेड़ से पत्तियां भी काट सकेंगी.
सीएम के परिजनों की सादगी भी चर्चा में रहती है. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत का सामना करना पड़ा था तो वे आम मरीज की तरह मंडी अस्पताल में चैकअप करवाने लाइन में खड़ी हो गई थीं.