शिमला:प्रदेश में आई आपदा के लिए केंद्र से आर्थिक मदद मिलने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी जारी है. एक और जहां विपक्ष केंद्र से बड़ी राहत राशि मिलने का दावा कर रहा है तो वहीं, सत्ता पक्ष इससे इंकार कर रहा है. सत्ता पक्ष का कहना है कि केंद्र की ओर से जो भी राशि मिली है, वह हर साल मिलने वाली आपदा राशि का हिस्सा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि केंद्र से हिमाचल को कोई विशेष आर्थिक पैकेज नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोगों को केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज की उम्मीद थी. ये उम्मीदें इसलिए भी थी, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं, लेकिन केंद्र ने कोई पैकेज हिमाचल को नहीं दिया. हिमाचल को जो राशि मिली है, वह हर साल मिलने वाली आपदा राशि का ही हिस्सा है. यह हिमाचल का हक था.
ये भी पढ़ें-Haryana Panipat Most Expensive Divorce: हरियाणा में एक बिजनेसमैन का इतना महंगा तलाक, पूरा मामला जानकर रह जाएंगे हैरान
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर बहुत बड़ा राहत पैकेज जारी किया है. यह देश में ऐसा पहला पैकेज है, जहां आपदा प्रभावित परिवारों को भारी मुआवजा दिया जा रहा है. इसके तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपए और आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त घरों को एक लाख रुपए का प्रावधान वर्तमान सरकार ने किया है . उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में आई आपदा ने प्रभावी तरीके से निपटी है और प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दिया है.
ये भी पढ़ें-Himachal Road Accidents: हिमाचल में इस साल मानसून सीजन में सड़क हादसों ने छीन लिए 204 जीवन, रोड एक्सीडेंट्स में हर साल औसतन 1200 लोगों की मौत
जयराम ठाकुर के राहत राशि देने में अनियमितताएं बरतने के आरोप पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में आपदा राशि के आबंटन में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा.सभी प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि बिना किसी भेदभाव के दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर एक सुलझे और अनुभवी राजनेता है, उनसे इस तरह के बयानों की अपेक्षा नहीं की जा सकते हैं . उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि मुआवजा केवल कांग्रेस के लोगों को ही दिया जा रहा है. उन्होंने सवाल किया कि जहां पूरे के पूरे गांव आपदा से प्रभावित हुए हैं वहां क्या सारे लोग कांग्रेस के ही हैं वहां क्या बीजेपी के कोई परिवार ही नहीं है.
ये भी पढ़ें-Himachal Weather: 30 अक्टूबर तक हिमाचल में मौसम रहेगा साफ, केलांग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे लुढ़का
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में भी करीब 300 करोड़ का नुकसान आपदा से हुआ है औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों, बिजली सहित अन्य आधारभूत संरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि इन जगहों पर अस्थाई तौर पर बिजली, पानी और सड़क सुविधा दे दी गई है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीडब्ल्यूडी, जल शक्ति विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देश दिए हैं कि यहां पर सड़क पर अन्य सुविधाएं परमानेंट रूप से बहाल करने के लिए कदम उठाए.
एक सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि लैंड टैनिसी एक्ट की धारा 118 के तहत मिली जमीन पर निर्धारित समय में उद्योगों को स्थापित किया जाना होता है. अगर इस निर्धारित समय में कोई उद्योग स्थापित करने का काम नहीं कर पाया तो उससे सरकार जमीन सरकार लेगी और इसकी प्रक्रिया भी कई जगह शुरू कर दी गई हैं.
ये भी पढ़ें-Kullu International Dussehra: कुल्लू दशहरा के दूसरे दिन होगी अंतरराष्ट्रीय कल्चर परेड, 14 देशों के कलाकार होंगे शामिल