शिमला: राजधानी शिमला के ब्रिटिशकाल की सबसे पुरानी बिल्डिंग को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के नाम से विश्वभर में जाना जाता है. अब इस खस्ताहल भवन की खस्ताहालत में जल्द ही सुधार किया जाएगा. केंद्र सरकार ने भवन के जीर्णोद्धार के लिए 65 करोड़ का बजट मंजूर किया है.
बता दें कि इस भवन की ऐतिहासिकता और भव्यता इतनी है कि इसे देखने के लिए लाखों विदेशी ओर अन्य सैलानी यहां पहुंचते है. बीते काफी समय से एडवांस स्टडी का प्रबंधन बजट की मंजूरी का इंतजार कर रहा था, लेकिन अब जल्द ही भवन की मरम्मत का काम शुरु किया जाएगा.
संस्थान के निदेशक प्रो. मकरंद आर.परांजपे ने बताया कि संस्थान की इमारत के नवीनीकरण की योजना बनाने के छह साल बाद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इमारत के जीर्णोद्धार के लिए 65 करोड़ मंजूर किए है. संस्थान के निदेशक प्रो. मकरंद आर.परांजपे ने कहा कि वर्ष 2014 में एड्सल नाम के एक्सपर्ट ने इंस्टीट्यूट की इमारत के जीर्णोद्धार के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा गया था.
संस्थान के निदेशक ने बताया कि इंस्टीट्यूट के जीर्णोद्धार के लिए दो प्रोजेक्ट बनाए गए थे. जिसके एक प्रोजेक्ट में इंस्टीट्यूट का पूरा भवन शामिल है और दूसरे प्रोजेक्ट में संस्थान का किचन विंग है, जो पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है. इस विंग की हालत इतनी खराब है कि इसका इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है. प्रो.मकरंद ने बताया कि भवन के जीर्णोद्धार के लिए वर्ष 2014 में 5 करोड़ रुपये सीपीडब्ल्यूडी को दे भी दिए गए है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है.