शिमला: आज देशभर में सेना दिवस के मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी में भी सेना दिवस के अवसर दो दिन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसके तहत राजधानी शिमला के अनाडेल में 15 और 16 जनवरी को आर्मी गोल्फ कोर्स का आयोजन किया जा रहा है. शिमला में पहली बार 'नो योर आर्मी' मेला (Know Your Army Fair) आयोजित किया गया है. इस मेले का उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच में विभिन्न सेना उपकरण का प्रदर्शन और भारतीय सेना की उपलब्धियों को दिखाना है.
दो दिनों तक होंगे सेना के प्रदर्शन:यह कार्यक्रम सेना दिवस के अवसर पर मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान आरट्रेक द्वारा करवाया जा रहा है. 15 जनवरी को आर्मी एडवेंचर विंग द्वारा स्काईडाइविंग प्रदर्शन, सेना पाइप बैंड प्रदर्शन, प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट द्वारा प्रदर्शन, सेना गतका टीम द्वारा प्रदर्शन, डॉग शो, उपकरण/हथियार प्रदर्शन स्टॉल, सूचना और प्रेरणा स्टॉल और फूड कोर्ट लगाया जाएगा. वहीं, 16 जनवरी को ऐतिहासिक रिज मैदान पर हथियार प्रदर्शन, ड्राइंग/पेंटिंग प्रतियोगिता, वयस्कों/बच्चों के लिए तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता और सेना कलारीपयट्टू टीम का प्रदर्शन किया जाएगा.
इन स्थानों पर होंगे कार्यक्रम: राजधानी शिमला में यह अपनी तरह का पहला ऐसा कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम आज यानी, 15 जनवरी 2024 को अनाडेल और 'आर्मी हेरिटेज म्यूजियम' में, वहीं, 16 जनवरी 2024 को रिज मैदान में आयोजित किया जाएगा. इसमें सेना के हथियार एवं उपकरण प्रदर्शन और कई अन्य कार्यक्रम भी शामिल होंगे. स्कूली बच्चों के लिए 16 जनवरी को रिज मैदान पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता और एक्सटेम्पोर स्पीच प्रतियोगिता (तात्कालिक भाषण) आयोजित की जाएगी और कार्यक्रम के दौरान रोमांचक पुरस्कारों के साथ 'नो योर आर्मी' क्विज भी आयोजित की जाएगी. जिसमें भारतीय सेना के समृद्ध इतिहास और वीरता की झलक दिखाने वाली फिल्में दिखाई जाएंगी.
इस दिन क्यों मनाया जाता है सेना दिवस: इसके अलावा भारतीय सेना में शामिल होने की प्रक्रिया की जानकारी समेत विभिन्न स्टॉल लगाए जा रहे हैं. जनरल केएम करियप्पा ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फैंसिस रॉय बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी और स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने थे. उस अवसर को याद करने के लिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस तरह के आयोजनों से भारतीय सेना के लंबे और गौरवशाली इतिहास के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ेगी.
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