शिमला: प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है. पिछले पांच सालों में प्रदेश में ये कारोबार दो गुना बढ़ा है. पांच साल पहले जहां चिट्टे के कुछ ही मामले सामने आते थे, लेकिन अब इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, अब चिट्टा में बरामद होने लगा है. हालंकि, पुलिस की मुस्तैदी से काफी नशा तस्कर पकड़े भी गए हैं, जिनमें ज्यादातर युवा वर्ग शामिल है.
चुनाव के दौरान बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर नशा तस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं. सत्ती खुले मंच से कह चुके हैं कि पकड़े गए अधिकतर तस्कर कांग्रेस से संबंध रखते हैं. चुनाव के दौरान एक बार फिर नशा तस्करी का मुद्दा गरमाता जा रहा है. ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में पाया कि पिछले पांच सालों में नशे का कारोबार दोगुना बढ़ चुका है.
नारकोटिक्स विभाग के आंकड़े के अनुसार 2014 में नशे के खिलाफ एनडीपीएस के 644 मामले दर्ज किए गए, इस दौरान चरस 356.963 किलो, पॉपी हस्क 1192 किलो, स्मैक 206.213 ग्राम, ब्राउन शुगर 41 ग्राम, हेरोइन 557.440 ग्राम, कोकीन 69 ग्राम और नशीली दवाइयों की 24540 टेबलेट पकड़ी गई थी.
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2015 में नशे के खिलाफ 622 मामले दर्ज किए गए, जिसमें चरस 283.434 किलो, ओपीमियम 5.022 किलो, पॉपी हस्क 1731.132 किलो, स्मैक 157.550 ग्राम, ब्राउन शुगर 3 ग्राम, हेरोइन 387.943 ग्राम, गांजा 0.835 ग्राम, कोकीन 2.065 ग्राम और 188463 गोलियां, 88788 कैप्सूल, 3280 सिरप, 20 इंजेक्शन और 4.943 किलो पाउडर बरामद किया गया था.
2016 में कुल 929 मामले नशे के खिलाफ दर्ज किए गए, जिसमें चरस 377.535 किलो, ओपियम 26.935 किलो, पॉपी हस्क 607.650 किलो, स्मैक 209.364 ग्राम, हेरोइन 634.654 ग्राम, ब्राउन शुगर 66.10 ग्राम, गांजा 90.742 किलो, कोकीन 4 ग्राम, 56110 नशीली गोलियां, 77243 कैप्सूल, 3029 सिरप, 471 इंजेक्शन और 22.80 ग्राम सफेद पाउडर बरामद किया गया था.
2017 में कुल 1010 मामले दर्ज किए गए, जिसमें चरस 306.925 किलो, ओपियम 8.378 किलो, पॉपी हस्क 701.383 किलो, स्मैक 250.008 ग्राम, हेरोइन 3.417 किलो, ब्राउन शुगर 4.496 किलो, गांजा 148.265 किलो, कोकीन 74 ग्राम, 134520 नशीली गोलियां,105897 कैप्सूल, 1658 सिरप और 10.296 लीटर चरस ऑयल सॉलिड बरामद किया गया.