शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें फैसला लिया गया कि इनकम टैक्स देने वालों को एक साल तक डिपुओं में सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा एपीएल परिवारों को दी जा रही दालों, खाद्य तेल और चीनी पर सब्सिडी के युक्तिकरण के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है.
मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार बीपीएल/प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए अब ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये कर दी गई है. इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम परिवारों की संख्या 1,50,000 तक बढ़ जाएगी, जिससे वे 3.30 रुपये प्रति किलो गेहूं आटा और 2 रुपये प्रति किलो चावल बहुत ही रियायती दरों पर लेने के लिए पात्र हो जाएंगे.
आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री केन्द्र सरकार का कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत अर्थ-व्यवस्था से निपटने के लिए देश को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के लिए उनका धन्यवाद किया. मंत्रिमंडल ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज कमजोर वर्गों, एमएसएमई, व्यापार समुदाय, कामगारों व आम जनता को आवश्यक राहत प्रदान कर देश की अर्थ-व्यवस्था को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह पैकेज भारत को मजबूत, जीवंत और आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.
मंत्रिमंडल ने रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने, लघु एवं छोटी इकाइयों के नियोक्ताओं व छोटे ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट लेबर (आर एंड ए) अधिनियम, 1970 (1970 का 37वां) को प्रदेश में लागू करने के लिए धारा-1 सब सेक्सन-4 में जरूरी संशोधन को अनुमति प्रदान की.
संशोधन में अनुबंध रोजगार की सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 श्रमिक करने का प्रस्ताव है. इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन और व्यापार करने में आसानी के लिए भी सहायता मिलेगी. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने फैक्ट्री एक्ट 1948 में ऑफेसिंस को कम्पाउंड करने के लिए धारा-2 (एम) (प), 2 (एम) (पप), धारा-65 (3) (पअ), धारा-85(1) (प) में संशोधन करने और नई धारा 106 (बी) की प्रविष्टि करने की अनुमति दी.