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हिमाचल प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम, ऐसे करें बचाव - हिमाचल में साइबर क्राइम

हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में इजाफा होते जा रहा है. जिसको देखते हुए साइबर क्राइम के एएसपी नरवीर राठौर ने जनता से ठगों से सतर्क रहने की अपील की है. अगर आंकड़ों की बात करें तो इस साल अब तक कुल 1626 शिकायतें आई हैं. इसमें से अधिकांश सुलझा दी गई हैं.

Incidents of cyber crime increased in Himachal
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Published : Sep 4, 2020, 7:10 PM IST

शिमला: हिमाचल में साइबर ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. शातिरों ने अब ग्रामीण इलाकों में भी अपना जाल बिछा शुरू कर दिया है. अगर आंकड़ों की बात करें तो इस साल अब तक कुल 1626 शिकायतें आई हैं. इसमें से अधिकांश सुलझा दी गई हैं. हिमाचल में बाहरी राज्यों के बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, और कर्नाटक के ठग ज्यादा सक्रिय हैं. इनके अलावा विदेशी ठगों ने भी इसे अपना निशाना बनाया है. इसमें नाइजीरिया के ठगों की संलिप्तता सामने आई हैं. साइबर ठग अब सोशल मिडिया के माध्यम से फर्जी आईडी बना कर लोगों से ठगी कर रहे हैं.

साल 2016 में साइबर ठगी की घटनाएं.

सोशल नेटवर्किंग साइट्स/एप- 101

क्रेडिट कार्ड- 110

मोबाइल फोन गुम होना- 174

अन्य- 134

कुल शिकायतें- 519

पैसा रिफंड करवाया- 4,8,679 रुपये

साल 2017 में साइबर ठगी की घटनाएं.

सोशल नेटवर्किंग साइट्स/एप- 151

क्रेडिट कार्ड- 419

कुल शिकायतें- 570

पैसा रिफंड करवाया- 32,48,075 रुपये

साल 2018 में साइबर ठगी की घटनाएं.

सोशल नेटवर्किंग साइट्स/एप- 269

क्रेडिट कार्ड- 523

कुल शिकायतें- 980

पैसा रिफंड करवाया- 9,59,186 रुपये

हेल्प डेस्क- 188

साल 2019 में साइबर ठगी की घटनाएं.

सोशल नेटवर्किंग साइट्स/एप- 436

क्रेडिट कार्ड- 766

कुल शिकायतें- 1638

पैसा रिफंड करवाया- 18,91,298 रुपये

साल 2020 में साइबर ठगी की घटनाएं. (अगस्त तक के आंकड़े)

सोशल नेटवर्किंग साइट्स/एप- 832

वित्तीय फ्रॉड- 794

कुल शिकायतें- 1626

पैसा रिफंड करवाया- 9,25.630 रुपये

क्या बरतें सावधानियां

साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया में सुरक्षित रहने के लिए कई सुझाव दिए हैं. यह इस प्रकार से हैं. एक मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, यह जितना लंबा होगा, यह उतना ही सुरक्षित होगा. अपने प्रत्येक सोशल मीडिया अकाउंट के लिए एक अलग पासवर्ड का उपयोग करें, मित्रों का चयन सावधानी पूर्वक करें, अगर आप उस व्यक्ति को नहीं जानते हैं, तो उनके अनुरोध को स्वीकार न करें. यह एक फर्जी खाता हो सकता है.

लिंक पर सावधानी के साथ क्लिक करें

जो जानकारी आप शेयर करते हैं, उसके बारे में सावधान रहें. संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी को शेयर करें. घर का पता, वित्तीय जानकारी, फोन नंबर आदि जितना अधिक आप इससे संबंधित चना शेयर करते हैं, उतना ही आपकी पहचान को चुराया जा सकता है.

सुरक्षा के लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर स्थापित करके अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखें. यह भी सुनिश्चित करें कि आपका ब्राउजर, ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर अपडेट रहे. जब आप कंप्यूटर पर कार्य पूरा कर लेते हैं तो लॉग आऊट करना याद रखें. जांच से पाया गया है कि अधिकतर अकाउंट वही हैक हुए हैं, जिसमें पासवर्ड मोबाइल नंबर रखे गए हैं. फिर भी अगर कोई ठगी का शिकार हो जाता है तो साइबर थाने को तत्काल सूचना दें.

कई मामले आए सामने

नाइजीरिया के साइबर ठगों के निशाने पर हिमाचल आया है. मुख्यमंत्री के नाम से कई विभागों को रिक्वेस्ट भेजी गई थी. फर्जी ई-मेल पहले हिमाचल विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम से प्रोफेसरों को भेजी गई थी. इसी तरह से बागवानी विवि की महिला प्रोफेसर के नाम से अधीस्थ प्रोफेसरों को फेवर करने के आग्रह वाली मेल की थी.

इसके बाद कांगड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज में भी यही हुआ. फिर दो विधायकों को फर्जी ई-मेल आई. वरिष्ठ आइएएस अधिकारी के नाम से शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर को भी फर्जी मेल आई. पूर्व डीजीपी के साथ भी ऐसा ही वाकया घटित हुआ. कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के साइबर ठगों के माध्यम से चंबा के लोगों का व्हाट्स एप ग्रुप बनाया गया था. इसमें देश विरोधी गतिविधियां साझी की जा रही थी. सीआइडी ने इस मामले की जांच की है. इसमें लोगों को संदिग्ध ग्रुप से न जुड़ने की सलाह दी गई. अब इस ग्रुप से लोग बाहर हो गए हैं. इसका एडमिन पाक का रहने वाला था.

साइबर क्राइम के एएसपी नरवीर राठौर ने कहा कि प्रदेश के लोगों को ठगों से सावधान रहने की जरुरत है. वह ओटीपी कतई शेयर न करें. ठगों ने बैंकों के नाम से अलग से टोल फ्री नंबर बना रखे हैं. बैंकों से भी कहा गया है कि खाताधारकों के नाम व पते की पूरी वेरीफिकेशन करें. उपभोक्ता भी सावधान रहें, अगर ठगी होती है तो शिकायत 24 घंटे के भीतर करने से पैसा वापस होने की संभावना रहती है.

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