शिमला: कर्ज के बोझ तले कराह रहे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने दो साल में टीए-डीए व मेडिकल रिंबर्समेंट पर 1.20 करोड़ रुपए के करीब खर्च कर डाले. टीए-डीए पर खर्च करने के मामले में हिमाचल सरकार के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह टॉप पर हैं. उन्होंने दो साल के अंतराल में कुल 20.50 लाख रुपए खर्च किए, हालांकि महेंद्र सिंह ने मेडिकल रिंबर्समेंट के तौर पर एक भी रुपया क्लेम नहीं किया है. इसी तरह सीएम जयराम ठाकुर, रामलाल मारकंडा, राजीव सैजल, बिक्रम सिंह ने भी मेडिकल रिंबर्समेंट के तौर पर कोई खर्च नहीं किया है. सबसे कम यात्रा भत्ता 42873 रुपये के तौर पर कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा का है.
टीए-डीए पर अनिल शर्मा ने सबसे कम खर्च किया. ये भी गौर करने वाली बात है कि अनिल शर्मा अब मंत्री नहीं हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का खर्च भी मंत्रियों के मुकाबले काफी कम है. सबसे अधिक खर्च करने वालों की कतार में महेंद्र सिंह के बाद दूसरा नंबर सरवीण चौधरी का है. उनका टीए-डीए व मेडिकल रिंबर्समेंट का कुल खर्च दो साल में 13.92 लाख रुपये है. ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने इस बारे में सवाल किया था. उनके सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने सदन में जानकारी दी कि दो साल की अवधि में किस मंत्री ने कितना खर्च किया है. ये राशि 1.20 करोड़ रुपये से कुछ ही रुपये कम है.
ये रहा सीएम व मंत्रियों के खर्च का ब्यौरा
सीएम का यात्रा भत्ता 1,12,137 रुपए, डीए 495900 है. कुल रकम 608037 रुपए बनती है. इसी तरह महेंद्र सिंह ने टीए के तौर पर 11,70, 540 रुपए क्लेम किए। डीए का खर्च महेंद्र सिंह का 880901 रुपए रहा है. कुल खर्च 2051441 रुपए है. टीए के तौर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का खर्च शून्य है.