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Organ Donation QR Code: अब अंगदान करना हुआ आसान, घर बैठे क्यूआर कोड स्कैन कर भरें ऑर्गन डोनेशन शपथ पत्र - हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में अंगदान प्रक्रिया अब बेहद आसान हो गई है. घर बैठे ही लोग अंगदान के लिए शपथ पत्र भर सकते हैं. सिर्फ एक क्यूआर कोड स्कैन करके ये शपथ पत्र भरा जा सकता है. अभी तक हिमाचल प्रदेश में 1460 लोग अंगदान के लिए शपथ पत्र भर चुके हैं. (QR Code for Organ Donation Affidavit in Himachal Pradesh)

QR Code for Organ Donation Affidavit in Himachal
हिमाचल में क्यूआर कोड के जरिए भरा जाएगा अंगदान शपथ पत्र

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 9:53 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब अंगदान प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया गया है. घर बैठे सिर्फ एक क्यूआर कोड स्कैन करके अब अंगदान के लिए शपथ पत्र भर सकते हैं. ये जानकारी आईजीएमसी शिमला के स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश ने दी.

इस प्रोसेस से कर सकते हैं अंगदान: डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से लेकर आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत सेवा पखवाड़ा चल रहा है. इसमें अंगदान की महत्वता के बारे में विशेष जागरूकता फैलाई जा रही है. जिसके तहत प्रदेश भर में अब एक ही माध्यम से अंगदान संबंधी शपथ पत्र भरे जाएंगे. सोटो हिमाचल की ऑफिशल वेबसाइट के तहत अब कोई भी व्यक्ति घर बैठे-बैठे अंगदान करने के लिए शपथ पत्र भर सकता है. वेबसाइट पर क्यूआर कोड से रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता पूरी करते हुए व्यक्ति अंगदान की इच्छा जाहिर कर सकता है.

अंगदान के लिए क्यूआर कोड

अब तक 1460 लोगों ने भरा शपथ पत्र: डॉ. सीता ठाकुर ने कहा कि मौजूदा समय तक अंगदान संबंधी फॉर्म नंबर-7 भरकर व्यक्ति अंगदान के शपथ पत्र भरते थे, इसलिए अब पूरे देश भर में इस प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. यह रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड से लिंक होगा. सोटो के नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत महाजन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक करीब 1460 लोगों ने अंगदान के लिए शपथ पत्र भरे हैं. इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से 90 शपथ पत्र भरे जा चुके हैं. उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि अंगदान जैसे पुनीत कार्य में अपना योगदान दें और अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक करें. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति अंगदान करके आठ लोगों का जीवन बचा सकता है.

'नेत्रदान-अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी': आईजीएमसी के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामलाल ने बताया कि हिमाचल में नेत्रदान व अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता की भारी कमी है. आईजीएमसी में हर साल करीब 2100 मरीजों की मौत होती है, जो की विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होते हैं. इनमें से एक प्रतिशत लोग भी नेत्रदान के लिए आगे नहीं आते हैं. नेत्रदान मरने के 6 घंटे के भीतर संभव है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण लोग नेत्रदान करने से कतराते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में आईजीएमसी शिमला में 336 नेत्रदान हुए हैं.

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